Zubeen Garg death case : असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने गुवाहाटी की एक स्थानीय अदालत में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में जुबीन गर्ग के चचेरे भाई संदीपन गर्ग पर गैर-इरादतन हत्या (कुल्पेबल होमिसाइड) का आरोप लगाया गया है। संदीपन उस समय जुबीन के साथ सिंगापुर गए थे, जहां वे एक इवेंट में शामिल होने पहुंचे थे।
चार्जशीट में इन लोगों के नाम
चार्जशीट में एक और बड़े नाम—फेस्टिवल ऑर्गनाइजर श्यामकानु महंता को भी आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ सरमा, उनके बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और को-सिंगर अमृतप्रभा महंता भी इस केस में आरोपी हैं। जुबीन गर्ग की सुरक्षा में तैनात पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर परेश बैश्य और नंदेश्वर बोरा के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं। SIT की यह कार्रवाई मामले को बड़े स्तर पर गंभीर और विस्तृत जांच की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
चार्जशीट 12,000 पन्नों से भी ज्यादा
SIT अपनी चार्जशीट तीन बड़े बक्सों में भरकर अदालत लाई, क्योंकि दस्तावेज बेहद भारी थे। यह चार्जशीट ज़ुबीन गर्ग की सितंबर में सिंगापुर में हुई मौत के लगभग तीन महीने बाद दायर की गई है। उनकी अचानक हुई मौत ने असम, पूरे नॉर्थ-ईस्ट और देशभर में मौजूद उनके फैंस को गहरे सदमे में डाल दिया था। SIT प्रमुख सरमा ने बताया कि जांच बहुत सावधानी और विस्तार से की गई है। चार्जशीट 12,000 पन्नों से भी ज़्यादा की है और स्वतंत्र दस्तावेज़ों के आधार पर केस को मजबूती से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, “अब मामला कोर्ट के सामने है… एडवोकेट जनरल ने भी केस को ध्यान से जांचा है। यह ऐसा मामला है जिसमें सज़ा होने की पूरी संभावना है।”
इस केस की जांच बड़े स्तर पर की गई। SIT की टीम सिंगापुर तक गई और वहां की कई एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। टीम ने करीब 300 गवाहों से पूछताछ की, ताकि जुबीन गर्ग की मौत से जुड़े सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जा सके।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ दिनों पहले विधानसभा में कहा था कि ज़ुबीन गर्ग की मौत एक हत्या का मामला है और SIT इस पर मजबूत केस तैयार कर रही है। इसी वजह से आज जब SIT टीम स्थानीय कोर्ट में चार्जशीट जमा करने पहुंची, तो पूरे रास्ते पर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई थी। अधिकारियों का मानना है कि यह चार्जशीट ज़ुबीन गर्ग की मौत से जुड़े कई अहम सवालों पर रोशनी डालेगी और महीनों से चल रही जांच की दिशा और साफ होगी। वहीं दूसरी ओर, सिंगापुर पुलिस फ़ोर्स (SPF), जो इस मामले की अलग से जांच कर रही है, ने पहले ही एक बयान में कहा था कि शुरुआती जांच में किसी तरह की गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले हैं। SPF ने यह भी बताया था कि उन्हें अपनी जांच पूरी करने में लगभग तीन महीने और लग सकते हैं।
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