Delhi Red Fort Blast: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लाल किला आत्मघाती हमले के सिलसिले में सोमवार को एक और कश्मीरी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। NIA का दावा है कि यह शख्स 'हमास-शैली' में आतंकी मॉड्यूल को ड्रोन हमले करने की तैयारी कर रहा था और विस्फोटों के लिए छोटे रॉकेट बनाने की कोशिश भी कर रहा था। जांच एजेंसी के अनुसार, इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने से पहले ग्रुप कई बड़े हमले करने की योजना बना रहा था।
श्रीनगर से दूसरा संदिग्ध गिरफ्तार
NIA ने जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड से जसीर बिलाल वानी, जिसे दानिश के नाम से भी जाना जाता है, को गिरफ्तार किया है। NIA ने वानी को कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी का मुख्य सहयोगी बताया है। अधिकारियों के अनुसार, वानी ने समूह को हमले की तैयारी में तकनीकी सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ड्रोन और रॉकेट से 'विस्फोट' की रच रहा था साजिश
NIA की जांच में सामने आया है कि वानी समूह को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा था, जिसमें छोटे लेकिन शक्तिशाली बम ले जाने के लिए ड्रोन को मॉडिफाइड करना और रॉकेट बनाने का प्रयास करना शामिल था। एजेंसी के अनुसार, योजना थी कि ड्रोन में कैमरे और पॉवरफुल बैटरी लगाकर, उन्हें विस्फोटकों से लोड किया जाए और भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के लिए उड़ाया जाए।
NIA ने कहा कि मॉड्यूल भारत में इस मॉडल की नकल करना चाहता था, जिसका उपयोग सीरिया, इराक और इजराइल जैसे संघर्ष क्षेत्रों में हमास और आईएसआईएस जैसे आतंकी समूह करते रहे हैं। हालांकि, मॉड्यूल को हमले शुरू करने से पहले ही ध्वस्त कर दिया गया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 2021 में जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन का उपयोग करके दो विस्फोटक उपकरण गिराए गए थे, जो भारत का पहला ड्रोन-बेस्ड आतंकी हमला था।
डॉक्टर मॉड्यूल का फरीदाबाद कनेक्शन
पूछताछ के दौरान, राजनीति विज्ञान ग्रेजुएट वानी ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि वह पहली बार 'डॉक्टर मॉड्यूल' के सदस्यों से पिछले अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में मिला था। NIA के अनुसार, आत्मघाती हमलावर उमर ने वानी से आतंकी योजना में शामिल होने के लिए फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े अपने किराए के आवास पर आने को कहा था। जांचकर्ताओं ने रविवार को एक और कश्मीरी व्यक्ति, आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया। लाल किले में हुए विस्फोट में इस्तेमाल हुई i20 कार उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी।
'शू बम' एंगल की भी हो रही है जांच
NIA अब एक नए एंगल की भी जांच कर रही है कि क्या उमर उन नबी ने 'शू बॉम्बर' के रूप में काम किया था। दरअसल नष्ट हुई i20 कार की ड्राइवर सीट के नीचे दाहिने अगले टायर के पास एक जूता मिला था, जिसके अंदर फोरेंसिक टीमों को एक धातु का पदार्थ मिला। इससे यह संभावना पैदा हुई है कि जूते का उपयोग ट्रिगरिंग डिवाइस के रूप में किया गया था। यह पैटर्न 2001 में रिचर्ड रीड के मामले जैसा है, जिसने अमेरिकन एयरलाइंस की उड़ान में अपने जूते में छिपाए गए बम में विस्फोट करने की कोशिश की थी।
जांचकर्ताओं का कहना है कि विस्फोट स्थल के पास जूते और टायर दोनों पर TATP (ट्राईसिटोन ट्राईपेरोक्साइड) के निशान मिले हैं। यह एक अत्यधिक विस्फोटक पदार्थ है जिसका उपयोग अक्सर आतंकी समूह करते हैं। फोरेंसिक टीमों को कार की पिछली सीट के नीचे भी विस्फोटक के निशान मिले हैं, जिससे पता चलता है कि मॉड्यूल ने हमले को अंजाम देने के लिए एक से अधिक विस्फोटक तंत्र का इस्तेमाल किया होगा।