ED Raid: दिल्ली कार ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच में अब जांच एजेंसी ED की भी एंट्री हो गई है। ED ने आज सुबह हरियाणा स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) से जुड़े फंडिंग नेटवर्क की जांच शुरू करते हुए दिल्ली-एनसीआर में कम से कम 25 ठिकानों पर छापे मारे। सुबह 5 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के ट्रस्टियों और संबंधित व्यक्तियों के परिसरों पर की गई, क्योंकि कई गिरफ्तार संदिग्धों का इस विश्वविद्यालय से सीधा संबंध सामने आया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी बना आतंकी मॉड्यूल का केंद्र
10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के कई संदिग्धों का इस विश्वविद्यालय से जुड़ाव रहा है। इसी ब्लास्ट में 13 लोगों की जान चली गई थी और कई घायल हुए थे। दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी का छात्र था। इसके अलावा, कुछ अन्य डॉक्टरों को भी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। यह विश्वविद्यालय जांच का केंद्र बनकर उभरा है। 13 नवंबर को विश्वविद्यालय को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था, क्योंकि यह न तो मान्यता प्राप्त है और न ही इसने मान्यता के लिए आवेदन किया है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी हटा ली गई है।
फंडिंग चैनल पर है ED की जांच का फोकस
ED की जांच का मुख्य ध्यान उन संदिग्ध फंडों पर है जो इस संस्था के माध्यम से भेजे गए थे। ED यह जांच कर रही है कि क्या विश्वविद्यालय के खातों या उससे जुड़ी संस्थाओं का उपयोग हमले की योजना या उसे अंजाम देने के लिए पैसा भेजने में किया गया था। अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियां भी ED के साथ सहयोग कर रही हैं ताकि आतंकी फंडिंग के इस जाल को पूरी तरह से समझा जा सके।
विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जारी हुए समन
दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और धोखाधड़ी तथा जालसाजी के दो मामलों में विश्वविद्यालय के चांसलर को दो समन जारी किए हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि विश्वविद्यालय के कामकाज और उससे जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों से जुड़ी कई विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए चेयरमैन का बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है। विवादों के बीच, विश्वविद्यालय ने हाल ही में एक बयान जारी कर दिल्ली ब्लास्ट की निंदा की थी और कहा था कि वह एक जिम्मेदार संस्था है और राष्ट्र के साथ खड़ी है।