उमर उन नबी, जो डॉक्टर से आतंकवादी बना और दिल्ली के लालकिला के पास कार में धमाका किया, खुद को अपने ग्रुप में “अमीर” कहता था। इसका मतलब वह खुद को उनका नेता या शासक दिखाता था। सूत्रों के अनुसार, वह 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी की मौत का बदला लेना चाहता था। जांच एजेंसियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए इस “व्हाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल के कई आरोपियों से पूछताछ में काफी अहम जानकारी जुटाई है।
उमर को “अमीर” कहने की बात अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने बताई। उसे सबसे पहले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े व्यक्ति मौलवी इरफान अहमद ने अपने मॉड्यूल में शामिल किया था। एक अन्य गिरफ्तार आरोपी शाहीन सईद ने भी जांच में महत्वपूर्ण बातें बताईं।
NDTV के मुताबिक, मुजम्मिल शकील ने बताया कि वह खुद को उमर के मुकाबले “सिर्फ एक मजदूर” मानता था, क्योंकि उमर बहुत पढ़ा-लिखा, अनुभवी और असरदार था। उन्होंने अपनी पूरी साजिश का नाम “ऑपरेशन अमीर” रखा था, जिसमें उमर उन नबी मुख्य भूमिका में था।
जांच के अनुसार, उमर नौ भाषाएं जानता था और बहुत तेज दिमाग वाला था। मुजम्मिल शकील ने कहा कि वह चाहता तो न्यूक्लियर साइंटिस्ट भी बन सकता था।
उसके मुताबिक, “हम उसका विरोध नहीं कर पाते थे। वह हमेशा रिसर्च और तथ्यों की बात करता था।”
उमर अक्सर मॉड्यूल में शामिल दूसरे डॉक्टरों से कहता था कि देश का माहौल मुसलमानों के लिए खराब हो रहा है, ध्रुवीकरण बढ़ रहा है और भविष्य में बड़ा खतरा हो सकता है, इसलिए तैयार रहना चाहिए।
पूछताछ में बताया गया कि कुछ घटनाओं ने उमर को इतना परेशान कर दिया कि उसने आत्मघाती हमला करने का रास्ता चुन लिया। जैसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाना, जुलाई 2023 में मेवात-नूंह की साम्प्रदायिक हिंसा और 25 साल के नसीर और 35 साल के जुनैद की मॉब हिंसा में मौत।
लाल किले के पास धमाके वाले दिन क्या हुआ?
उमर अपनी ह्यूंडई i20 कार में आधा तैयार बम लेकर निकला। उसने बम बनाने में एसीटोन (नेल पॉलिश रिमूवर) और पिसी चीनी का इस्तेमाल किया।
पहली योजना थी कि हरियाणा में छिपाए गए विस्फोटक जम्मू-कश्मीर ले जाए जाएं, जहां उमर कुछ बड़ा करने वाला था। पर योजना न चलने पर उसने मेवात-नूंह इलाके से यूरिया लाकर खुद ही IED बनाना शुरू किया।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उमर अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अपने कमरे में बम और केमिकल्स की टेस्टिंग भी करता था। पुलिस ने उसके सूटकेस से बम बनाने का सामान भी बरामद किया।
चांदनी चौक के पास एक भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक पॉइंट पर हुए इस आत्मघाती हमले में 14 लोगों की मौत हो गई।