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Delhi School Fee Bill 2025: दिल्ली में अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी! फीस कंट्रोल बिल विधानसभा में पेश, जानें- बड़ी बातें

Delhi School Fee Regulation Bill 2025: दिल्ली में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर स्कूलों पर अब सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। सोमवार को शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली विधानसभा में 'दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025' पेश किया। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य एजुकेशन को बिजनेस बनने से रोकना और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसना है

अपडेटेड Aug 04, 2025 पर 10:00 PM
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Delhi School Fee Regulation Bill 2025: मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर प्राइवेट स्कूलों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा

Delhi School Fee Regulation Bill 2025: दिल्ली सरकार ने सोमवार (4 अगस्त) को राजधानी में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी तरीके से फीस वृद्धि को कंट्रोल करने के लिए एक विधेयक पेश किया। इसमें मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर स्कूलों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। सोमवार को शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली विधानसभा में 'दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025' पेश किया। यह विधेयक 8वीं विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पेश किया गया। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य एजुकेशन को बिजनेस बनने से रोकना और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसना है।

दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार (4 अगस्त) से शुरू हुआ। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधानसभा में दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक, 2025' पेश करते हुए कहा, "शिक्षा बेचने की चीज नहीं है... यह विधेयक शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने के लिए लाया गया है। हम यह विधेयक उन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ला रहे हैं जो शिक्षा बेच रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "यह विधेयक डॉ. मुखर्जी के दृष्टिकोण का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने का हमारा एक छोटा सा प्रयास है कि शिक्षा भारत के लोगों पर बोझ न बने। बल्कि उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाने वाला मार्ग बने।" उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अब राजधानी के पुराने और जटिल मुद्दों को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण विरासत से जुड़ा मुद्दा प्राइवेट स्कूलों की लगातार बढ़ती फीस है।

सूद ने आगे कहा, "यह कोई हालिया समस्या नहीं है, बल्कि एक ऐसा सवाल है जिसने कई दशकों से दिल्ली के अभिभावकों को परेशान किया है।" उन्होंने पिछले कुछ सालों में सरकारी शिक्षा प्रणाली की गिरती गुणवत्ता, स्कूलों की भारी कमी और निजी स्कूलों की बढ़ती फीस ने अभिभावकों के लिए आर्थिक और मानसिक कठिनाइयों का ज़िक्र किया।

पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "पहले की सरकारें बार-बार केवल नाम मात्र के आदेश जारी किए। लेकिन वे या तो डरते थे या शिक्षा माफियाओं के साथ मिलीभगत करते थे... न तो ऑडिट थे और न ही रिकॉर्ड..."

विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस विधेयक की आलोचना की है। AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इसे अभिभावकों पर हमला बतायाउन्होंने चेतावनी दी है कि यह कानून शिक्षा माफिया को बचाने के लिए बनाया गया हैउन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से इस बात पर जवाब मांगा कि मनमानी बढ़ोतरी कैसे वापस ली जाएगी


बिल की बड़ी बातें

  • यह विधेयक दिल्ली के सभी प्राइवेट, गैर-सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगासभी स्कूलों को वित्तीय रिकॉर्ड और प्रस्तावित फीस का सार्वजनिक रूप से खुलासा करना होगाअवैध रूप से फीस बढ़ाने पर 1,00,000 से लेकर 10,00,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगावही, बार-बार उल्लंघन करने पर जुर्माना दोगुना या तिगुना हो जाएगा

  • इस बिल के पास होने के बाद मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर सख्त जुर्माना लगागा जाएगायदि स्कूल निर्धारित समय के भीतर जुर्माने की राशि वापस नहीं करता है, तो उस पर हर 20 दिनों के बाद दोगुना और 40 दिनों के बाद तिगुना के हिसाब से जुर्माना बढ़ता जाएगा

  • बार-बार उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है या सरकार उस स्कूल का अधिग्रहण भी कर सकती हैइस विधेयक का उद्देश्य दिल्ली के प्राइवेट स्कूल की तरफ से अनुचित तरीके से की जा रही फीस वृद्धि पर अंकुश लगाना है

  • प्राइवेट स्कूल तीन साल में केवल एक बार ही फीस बढ़ा सकते हैंउन्हें तीन शैक्षणिक वर्षों के लिए एक ही बार फीस प्रस्तावित करनी होगीयदि कोई विवाद लंबित है, तो स्कूल केवल पिछले साल की दर से ही फीस वसूल सकता है

  • स्कूलों को फीस तय करते समय स्थान, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं, शिक्षा की गुणवत्ता और रखरखाव लागत जैसे कई कारकों को ध्यान में रखना होगाछात्र को निष्कासित या अपमानित करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है

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