अमेरिका के रुख में अचानक बदलाव दिख रहा है। पहले खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जल्द डील होने की उम्मीद जताई। उसके बाद 11 सितंबर को अमेरिकी कॉमर्स मिनिस्टर होवॉर्ड लुटनिक ने भी इंडिया के साथ मसलों के हल होने के संकेत दिए। अब भारत में अमेरिकी के नवनियुक्त राजदूत सर्जियो गोर ने सीनेट की फॉरेन रिलेशंस कमेटी को बताया है कि उन्हें भारत के साथ टैरिफ को लेकर विवाद का समाधान जल्द हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह मसला अगले कुछ हफ्तों में सुलझ जाएगा। खास बात यह है कि ट्रंप ने भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में खुद गोर का चुनाव किया है।
गोर ने इंडिया को अमेरिका का स्ट्रेटेजिक पार्टनर बताया
Sergio Gor ने कहा कि ट्रेड डील (Trade Deal) को लेकर अमेरिका और भारत में इतनी ज्यादा दूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देश अब ट्रेड डील की बारीकियों के बारे में बातचीत कर रहे है। उन्होंने इंडिया को स्ट्रेटेजिक पार्टनर बताया और कहा कि वह दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। गोर ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि रूस से तेल खरीदने को लेकर इंडिया के साथ अमेरिका के टैरिफ विवाद का निपटारा कुछ हफ्तों में हो जाएगा।
गोर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का करीबी माना जाता है
गोर व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के डायरेक्टर हैं। उन्हें ट्रंप का करीबी माना जाता है। 22 अगस्त को उन्हें इंडिया में अमेरिका का राजदूत बनाने का ऐलान हुआ था। वह दक्षिण और मध्य एशियाआई मामलों के लिए भी अमेरिका के विशेष राजदूत होंगे। इंडिया में राजदूत के रूप में उनकी नियुक्ति को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर काफी समय से बातचीत चल रही है।
गोर रिश्तों में भरोसा बहाल करने की कोशिश करेंगे
इंडिया के लिए अमेरिका के नवनियुक्त राजदूत ने इंडिया को स्ट्रेटेजिक पार्टनर बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक, सुरक्षा और ट्रेड के मामले में पार्टनरशिप रही है। दोनों देश सिर्फ क्षेत्रीय सहयोगी नहीं है बल्कि दोनों एक जैसे वैल्यू में भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी संभालने के बाद उनका लक्ष्य दोबारा भरोसा बहाल करना, ट्रेड से जुड़े तनाव को कम करना और जलवायु, रक्षा और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना होगा।
अमेरिकी विदेशमंत्री ने भी इंडिया के साथ रिश्तों को अहम बताया
गोर ने कहा, "प्रेसिडेंट ट्रंप का प्राइम मिनिस्टर मोदी के साथ गहरी दोस्ती है। आपने गौर किया होगा जब ट्रंप किसी देश के पीछे पड़ते हैं तो वह उस देश के नेताओं के भी पीछे पड़ जाते हैं। लेकिन, इंडिया की उन्होंने आलोचना की है, लेकिन उन्होंने अपना तरीका बदलते हुए मोदी की तारीफ की है।" सीनेट की फॉरेन रिलेशंस कमेटी में सुनवाई के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इंडिया उन देशों में से एक है, जिनके साथ दुनिया के भविष्य के लिहाज से अमेरिका के करीबी रिश्ते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में तल्खी घटने के संकेत
एक के बाद एक ट्रंप सहित अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों के बयान से ऐसा लगता है कि दोनों देशों के संबंधों में आई तल्खी अब कम हो रही है। इसकी शुरुआत ट्रंप ने की थी। उसके बाद अमेरिकी सरकार से जुड़े दूसरे लोगों ने भी भारत से डील को लेकर अपने सुर नरम किए हैं। अमेरिका के भारत पर 50 फीसदी लगा देने से अचानक दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर नाराज होकर इंडिया पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान कर दिया है। यह टैरिफ पिछले महीने के आखिर से लागू हो गया है।
भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने से बढ़ गई थीं दूरियां
अमेरिका ने इंडिया पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। इंडिया के अलावा इतना ज्यादा टैरिफ उसने सिर्फ ब्राजील पर लगाया है। माना जा रहा है कि 50 फीसदी टैरिफ का असर इंडिया में कई सेक्टर पर पड़ेगा। खासकर टेक्सटाइल्स, जेम्स एंड ज्वेलरी और फुटवीयर पर इसका ज्यादा असर पड़ने का अनुमान जताया गया है। अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट अमेरिका को करता है। हालांकि, सरकार ने कहा है कि वह अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित सेक्टर की मदद करेगी।