ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर ED ने आज छापा मारा हैं। इन कंपनियों में विंजो (WinZo) और गेम्सक्राफ्ट (Gamescraft) हैं। इन दोनों कंपनियों के करीब 11 लोकेशन पर ED ने धरपकड़ शुरू की है। ये दोनों कंपनियों बेंगलुरु और दिल्ली से कामकाज करती हैं। ED के इस एक्शन की वजह कंपनी पर लगाए गए आरोप हैं। दरअसल इन दोनों कंपनियों पर आरोप लगे हैं कि ये एल्गोरिद्म के साथ छेड़छाड़ करती हैं। इसकी वजह से गेम खेलने वाले यूजर्स को नुकसान होता है। और फायदा इन कंपनियों को होगा।
अभी तक इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, जिन 11 लोकेशन पर छापेमारी हुई है। उनमें 5 बेंगलुरु, 4 दिल्ली और दो गुड़गांव में हैं। ED के बेंगलुरु ऑफिस ने ये छापेमारी की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने विंजो और गेमक्राफ्ट के CEO, COO और CFO के घरों पर रेड मारा है। इस छापेमारी के दौरान ED ऐसे सबूत खोज रही है जिससे एल्गोरिद्म से छेड़छाड़ की बात की पुष्टि हो सके।
बात यहीं खत्म नहीं होती। ED के सर्च में ये भी पता चला है कि प्रमोटर्स के पास क्रिप्टो वॉलेट भी हैं। इससे ये शक बढ़ रहा है कि क्रिप्टो वॉलेट के जरिए वो ब्लैकमनी इधर से उधर कर रहे हैं।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर क्या हैं आरोप?
WinZo और गेम्सक्राफ्ट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का आरोप है कि ये ऐप में एल्गोरिद्म से छेड़छाड़ करती हैं जिसकी वजह से यूजर्स की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
ड्रीम11, माई11सर्किल, विंजो, जूपी और पोकरबाजी जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां रियल मनी गेम है। यानि इसमें गेम खेलने वाले यूजर्स को पैसे देने पड़ते थे। लेकिन 1 अक्तूबर को भारत सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट लागू कर दिया है जिसके बाद इन कंपनियों को अपना बिजनेस बंद करना पड़ा।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट ने इस साल अगस्त में ऐलान किया था कि वह सरकार के फैसले को चुनौती नहीं देगी। गेम्सक्राफ्ट ने कहा है कि वह पहले ही अपने रियल मनी गेम बंद कर चुकी है।