ED ने पहली बार अंडमान-निकोबार में मारा छापा, 200 करोड़ के बैंक लोन घोटाले से जुड़ा है मामला

सबूतों से पता चलता है कि बैंक ने अपने ही नियमों का उल्लंघन करके कई फर्जी कंपनियों को लोन दिया। ED के अनुसार, सूत्रों के अनुसार, पूर्व सांसद और ANSCB के वर्तमान उपाध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा को फायदा पहुंचाने के लिए संदिग्धों की तरफ से लगभग 15 फर्जी कंपनियां बनाई गईं

अपडेटेड Jul 31, 2025 पर 3:54 PM
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ED ने पहली बार अंडमान और निकोबार में मारा छापा, बैंक लोन घोटाले से जुड़े है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (ANSCB) में कथित लोन घोटाले के सिलसिले में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में छापेमारी की। ये पहली बार है, जब ED ने अंडमान और निकोबार में रेड की। पोर्ट ब्लेयर और उसके आसपास की नौ जगहों और कोलकाता में दो जगहों पर तलाशी ली गई। बैंक की तरफ से लोन और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में कथित गड़बड़ियों की चल रही जांच के तहत 31 जुलाई को ये रेड मारी गई।

ED ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान उसने कई दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनसे लोन अप्रूव करने के तरीके में “गंभीर खामियों” का संकेत मिलता है। एजेंसी ने कहा, "अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व (कांग्रेसी) सांसद कुलदीप राय शर्मा के लाभ के लिए संदिग्धों की तरफ से लगभग 15 संस्थाएं/कंपनियां बनाई गईं और इन संस्थाओं ने ANSCB से धोखाधड़ी करके 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की लोन सुविधाएं लीं। गौरतलब है कि शर्मा अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष भी हैं।"

सबूतों से पता चलता है कि बैंक ने अपने ही नियमों का उल्लंघन करके कई फर्जी कंपनियों को लोन दिया। ED के अनुसार, सूत्रों के अनुसार, पूर्व सांसद और ANSCB के वर्तमान उपाध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा को फायदा पहुंचाने के लिए संदिग्धों की तरफ से लगभग 15 फर्जी कंपनियां बनाई गईं।


एजेंसी का दावा है कि इन संस्थाओं ने धोखाधड़ी से 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के लोन हासिल किए। सूत्रों के अनुसार, इस रकम का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर कैश निकाला गया और शर्मा व दूसरे लाभार्थियों को दिया गया।

ED के अनुसार, कथित तौर पर "उचित जांच-पड़ताल और इंटरनल बैंकिंग प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए" फर्जी फर्मों और कंपनियों को लोन दिए गए। यह जांच अंडमान और निकोबार पुलिस की क्राइम और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की तरफ से घोटाले से कथित रूप से जुड़े कई निजी व्यक्तियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई FIR पर आधारित है।

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Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Jul 31, 2025 3:46 PM

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