वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस से ऑयल खरीदने के बारे में सरकार का रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर फैसले लेगी। नेटवर्क18 के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को दिए इंटरव्यू में वित्तमंत्री ने जीएसटी रिफॉर्म्स के फायदों के बारे में भी बताया।
भारत अपने हितों के आधार पर लेगा फैसला
Nirmala Sitharaman ने कहा, "बात चाहे रूस के तेल की हो या कोई दूसरी हो, हम इस आधार पर फैसले लेंगे के हमारे हित में क्या बेहतर है। इसलिए हम इसे (रूस से तेल) खरीदना जारी रखेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी जैसे रिफॉर्म्स से अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता काफी हद तक कम हो जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से इंडिया के तेल खरीदने से नाराज होकर इंडिया पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।
अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित इंडस्ट्री की सरकार करेगी मदद
वित्तमंत्री ने अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ से प्रभावित होने वाले इंस्ट्रीज की मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों की मदद के लिए कुछ करेंगे जिन पर 50 फीसदी टैरिफ का असर पड़ेगा। इस पैकेज में कई तरह के उपाय शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टैरिफ से मुश्किल का सामना करने वाली इंडस्ट्रीज को सरकार पक्के तौर पर मदद करेगी।
जीएसटी रिफॉर्म्स से डिमांड बढ़ेगी
जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को हुई बैठक में जीएसटी रिफॉर्म्स के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद GST 2.0 इस महीने की 22 तारीख से लागू हो जाएगा। अब जीएसटी के 4 स्लैब की जगह सिर्फ दो स्लैब रह जाएंगे। इससे हजारों आइटम्स पर टैक्स घटा है। माना जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को मिलेगा। खाने-पीने की चीजों से लेकर छोटी कारें एसी 22 सितंबर से सस्ते होने जा रहे हैं।
जीएसटी रिफॉर्म्स से ट्रप के टैरिफ का असर कम होगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी रह जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में चीजों के दाम कम हो जाएंगे। इससे डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा डिमांड की वजह से इकोनॉमी पर 50 फीसदी टैरिफ के असर को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। जीएसटी के फ्रेमवर्क में इस बदलाव का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से किया था।