विपक्षी पार्टियों के गठबंधन INDIA गुट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में सुदर्शन रेड्डी के नाम पर आम सहमति बनी और इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने उनके नाम का ऐलान किया।
इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज, गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य शामिल है। वह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी चैंपियन रहे हैं। वह एक गरीब आदमी हैं और अगर आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि कैसे उन्होंने गरीब लोगों का पक्ष लिया और संविधान और मौलिक अधिकारों की रक्षा भी की।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, "उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं और यही कारण है कि हमने बी सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "वह 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। कल सभी विपक्षी दलों के सांसद 1 बजे सेंट्रल हॉल में बैठक कर रहे हैं।"
वहीं विपक्षी दलों के बीच उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति नहीं बनने पर TMC सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा, "आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं।"
India Today के मुताबिक, सुदर्शन रेड्डी ने कहा, "मैं NDA समेत सभी दलों से मेरा समर्थन करने की अपील करता हूं।" आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विश्वास जताते हुए रेड्डी कहा कि विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर वह 60% भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कौन हैं बी सुदर्शन रेड्ड?
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था। वे 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में हैदराबाद में एडवोकेट के रूप में दाखिल हुए। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों में वकालत की। वह 1988 से 1990 के बीच हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम कर चुके हैं। 1990 में उन्होंने केंद्र सरकार के लिए 6 महीने तक एडिशनल स्टैंडिंग काउंसल के रूप में भी काम किया।
वे उस्मानिया यूनिवर्सिटी के लिए लीगल एडवाइजर और स्टैंडिंग काउंसल भी रहे। उन्हें 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया। 5 दिसंबर 2005 को उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 12 जनवरी 2007 को वे भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज बने। वे 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए।
पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी गोवा के पहले लोकायुक्त भी रहे।