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नीतीश कैबिनेट की गया का नाम बदलकर 'गया जी' करने को मंजूरी, असुर के नाम पर बने इस शहर की क्या है खासियत?

Gaya City: गया शहर का नाम गयासुर नामक राक्षस के नाम पर रखा गया था जो त्रेता युग में इस क्षेत्र में रहता था

अपडेटेड May 17, 2025 पर 11:17 AM
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गया शहर का नाम बदलकर 'गया जी' हुआ

Bihar City Gaya: बिहार के धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण शहर गया का नाम बदल दिया गया है। प्रदेश सरकार ने शहर का नाम आधिकारिक तौर पर 'गया जी' कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को शहर का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ के हवाले से बताया कि शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण यह निर्णय लिया गया है।

गया, भारत का एक ऐतिहासिक शहर है। यह प्राचीन मगध साम्राज्य का हिस्सा रहा। यह बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जहां राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त कर बुद्धत्व को प्राप्त किया। बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर एक विश्व धरोहर स्थल है और दुनियाभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गयासुर नामक राक्षस के नाम पर रखा गया था नाम

वायु पुराण के अनुसार गया एक राक्षस का नाम था। गया शहर का नाम गयासुर नामक राक्षस के नाम पर रखा गया था जो त्रेता युग में इस क्षेत्र में रहता था। कठोर तपस्या करने और भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उसे मुक्ति मिली थी। यही वजह है कि गया में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। हिन्दू धर्म में इस जगह का एक विशेष महत्व है। लोग पितृ पक्ष के दौरान अपने पुरुखों(मृत पूर्वजों) का श्राद्ध करने के लिए गया जाते है। मान्यता ये है कि गया में पिंडदान करने से उन्हें मुक्ति मिलती है।

कैबिनेट ने कई अन्य फैसलों पर लगाई मुहर

नीतीश सरकार की कैबिनेट ने गया पर फैसले के साथ ही कई अन्य फैसले भी लिए। बिहार राज्य जीविका कोष ऋण सहकारी समिति लिमिटेड के गठन को भी मंजूरी दी। इससे ‘जीविका बैंक’ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे ‘जीविका दीदीयां' लोन ले सकेंगी। साथ ही कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए बिहार कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसाइटी की स्थापना के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की जयंती 5 जनवरी को हर साल राजकीय समारोह के साथ मनाने का फैसला किया है।


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