Aurangzeb Tomb Row: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार (20 मार्च) को कहा कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले और देश के लोगों का अपमान करने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है। उन्होंने कहा कि 'नया भारत' इसे स्वीकार नहीं कर सकता। मुगल शासक औरंगजेब से जुड़े विवादों के बीच सीएम आदित्यनाथ ने बहराइच में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सनातन संस्कृति को रौंदने की कोशिश करने वालों आक्रांताओं का जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी। सीएम ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करने का मतलब देशद्रोह की नींव पुख्ता करना है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बहराइच जिले की मिहींपुरवा तहसील के मुख्य भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "बहराइच जनपद भारत की ऋषि परंपरा से जुड़ा हुआ है। कहते हैं महर्षि बालार्क का विश्व प्रसिद्ध आश्रम बहराइच में था। उन्हीं बालार्क ऋषि के नाम पर बहराइच की पहचान थी। बहराइच वही ऐतिहासिक भूमि है जहां पर एक विदेशी आक्रांता को धूल धूसरित करते हुए महाराज सुहेलदेव ने भारत की विजय पताका को दिग्दिगंत तक पहुंचाया था।"
उन्होंने मुस्लिम सूफी संत सैयद सालार मसूद गाजी को 'विदेशी आक्रांता' बताते हुए कहा, "महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं के साथ जो शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया था, उसी की परिणति थी कि 150 वर्षों तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर सका था।"
आदित्यनाथ ने कहा, "एक तरफ 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना साकार करने को पूरा देश एकजुट है। मैं सभी प्रदेश वासियों से कहना चाहूंगा कि जब भारत की सनातन संस्कृति और परंपरा का गुणगान पूरी दुनिया में हो रहा है, तब भारत के महापुरूषों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव हर नागरिक का दायित्व होना चाहिए। उन स्थितियों में किसी भी आक्रांता का महिमामंडन नहीं करना चाहिए।"
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "आक्रांता का महिमामंडन मतलब देशद्रोह की नीव को पुख्ता करना। स्वतंत्र भारत ऐसे किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता जो भारत के महापुरूषों को अपमानित करता हो और उन आक्रांताओं को महिमामंडित करता हो जिन्होंने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने एवं बहन बेटियों की इज्जत पर हाथ डालने, हमारी आस्था पर प्रहार करने का काम किया था। उसे आज का यह नया भारत कतई स्वीकार करने को तैयार नहीं है।"
बता दें कि संभल में सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर नेजा मेला लगाया जाता था जिसे इस बार प्रशासन ने यह कहते हुए रोक दिया है कि विदेशी आक्रांताओं के नाम पर कोई मेला लगने नहीं दिया जाएगा। गाजी के नाम पर मुख्य मेला हर साल बहराइच शहर के दरगाह शरीफ में कई दशकों से लगता आ रहा है। संभल में नेजा मेले पर रोक के बाद बहराइच के कथित हिंदूवादी संगठनों ने यहां पर हर साल ज्येष्ठ माह में लगने वाले दरगाह शरीफ मेले पर रोक लगाने की मांग शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, "विकास की गाथा आगे बढ़ाने के लिए हम अपनी विरासत को पूरे गौरव के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। विरासत और विकास की अद्भुत गाथा का नया रूप बहराइच है। यहां मेडिकल कालेज बन गया है, हमने बहराइच बाईपास स्वीकृत किया है, नेपाल से कनेक्टिविटी को आसान कर दिया है। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को पर्यटन की दृष्टि से ‘ईको टूरिज्म’ के एक नये केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का विजय स्मारक बनकर तैयार है, इसका जल्द ही लोकार्पण होगा।"