Goa Nightclub Fire: गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्लब के मालिकों सौरभ और गौरव लूथरा बुधवार (10 दिसंबर) को दिल्ली की एक अदालत से अंतरिम राहत पाने में असफल रहे। रोहिणी कोर्ट ने गोवा क्लब आग मामले में आरोपी सौरभ और गौरव लूथरा को गिरफ्तारी से तुरंत अंतरिम सुरक्षा देने से मना कर दिया। अदालत ने उनकी ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई अगले दिन के लिए स्थगित कर दी। 6 दिसंबर की रात नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी।
आरोपियों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहीं अतिरिक्त सत्र जज वंदना ने गोवा से जवाब मांगा। अगली सुनवाई गुरुवार 11 दिसंबर के लिए तय की। दोनों भाइयों ने चार सप्ताह की अग्रिम जमानत का अनुरोध किया है। ताकि थाईलैंड से दिल्ली लौटने के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। उन्होंने कोर्ट से कहा, "हम भी पीड़ित हैं।"
गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा छह दिसंबर की रात को हुई घटना के बाद थाईलैंड भाग गए थे। उनके खिलाफ 'इंटरपोल ब्लू कॉर्नर' नोटिस जारी किया गया है। दोनों भाइयों की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि रिक्वेस्ट लिमिटेड थी। इसका मकसद उन्हें भारत लौटने और गोवा में सही कोर्ट में जाने की इजाजत देना था।
उन्होंने कोर्ट से कहा, "उनकी अपील का मुद्दा आसान है। मैं इस देश में लौटने और गोवा में कोर्ट में जाने की आजादी मांग रहा हूं। आग के पीड़ितों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, "जो लोग आग में दम घुटने से बेहोश हो गए थे, उनकी मौत हो गई है। लेकिन वे भी पीड़ित हैं। मैं भी इस घटना से परेशान और दुखी हूं।"
अग्रिम जमानत के लिए दलील देते हुए बचाव पक्ष ने कहा कि भाई अपनी मर्जी से गोवा कोर्ट में पेश होने के लिए चार सप्ताह की सुरक्षा चाहते थे। लूथरा ने कहा, "जब हम खुद आकर कानूनी प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो राज्य के वकील इसका विरोध कैसे कर सकते हैं?"
भाइयों ने मेडिकल ग्राउंड का भी हवाला दिया। उन्होंने दावा किया उनमें से एक को मिर्गी है। 2020 का मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन पेश किया। उन्होंने तर्क दिया कि वे जांच के लिए कोई खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हम न तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे और न ही जांच में रुकावट डालेंगे। हम पूरा सहयोग करेंगे।"
नाइट क्लब में अपनी भूमिका के बारे में बताते हुए, बचाव पक्ष ने कहा, "मैं सिर्फ़ लाइसेंसी हूं। मालिक कोई और है। मैं उनकी इजाजत के बिना मरम्मत भी नहीं कर सकता। बार असल में मालिक की प्रॉपर्टी है। मैं इसे सिर्फ लीज पर चला रहा था।" इन दलीलों के बावजूद, कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर कोई अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होनी है।
अजय गुप्ता की 36 घंटे की ट्रांजिट रिमांड
इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को गोवा पुलिस को 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब के सह मालिक अजय गुप्ता की 36 घंटे की ट्रांजिट रिमांड की अनुमति दे दी। गुप्ता को गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना के संबंध में पूछताछ के लिए दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। गोवा पुलिस ने गुप्ता को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद जोशी के समक्ष पेश किया और उनकी ट्रांजिट रिमांड मांगी।
इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान के कारण जारी हवाई यात्रा संकट को देखते हुए अदालत ने 36 घंटे की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की। जज ने निर्देश दिया कि गुप्ता की रीढ़ की हड्डी की चोट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए। साथ ही हिरासत के दौरान उन्हें समय पर दवा उपलब्ध कराई जाए। इससे पहले, गुप्ता के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था।