IndiGo Flight Cancellations: संकटग्रस्त इंडिगो भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है। लेकिन राहुल भाटिया के नियंत्रण वाली एयरलाइन इस वक्त सबसे बड़ी क्राइसिस से जुड़ रही है। इस सकंट के बीच, इंडिगो अगले साल लगभग 900 पायलट हायर करने की तैयारी कर रही है। एयरलाइन के ऑपरेशन में एक हफ्ते से बड़ी रुकावट आई है। इससे सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल हो गई। इस रुकावट की वजह से हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंस गए। भारत के एविएशन सिस्टम में ऐसा संकट पैदा हो गया जो पहले कभी नहीं हुआ।
इस संकट से उबरने के लिए इंडिगो करीब 900 नए पायलटों को भर्ती करने की तैयारी कर रही है। सरकारी डेटा की मदद से 'मनीकंट्रोल' एनालिसिस से पता चलता है कि अपनी सबसे तेज ग्रोथ के सालों में भी इंडिगो ने कभी भी इतने बड़े पैमाने पर कॉकपिट रैंप-अप नहीं किया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के रिकॉर्ड बताते हैं कि इंडिगो ने FY18 और FY19 में लगभग 1,600 पायलट और को-पायलट भर्ती किए थे।
तब से एयरलाइन के पायलटों की संख्या में उतार-चढ़ाव आया है। हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए एक सबमिशन के अनुसार, इंडिगो के पायलटों की संख्या दिसंबर में घटकर 5,085 हो गई, जो मार्च में 5,463 थी। जबकि 1 नवंबर को लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों की वजह से इंडिगो पर मैनपावर का दबाव और बढ़ गया है।
थकान मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए बनाए गए इन रूल्स की वजह से इंडिगो के नेटवर्क पर 5,000 से अधिक फ्लाइट्स कैंसल हुई। इसके बाद सरकार ने 9 दिसंबर को 10 फीसदी फ्लाइट कैपेसिटी कम करने का आदेश दिया। ऑपरेशनल कमी की वजह से एयरलाइन को क्रू स्ट्रेंथ को फिर से बनाने में मुश्किल हो रही है। इंडिगो को अपनी कैपेसिटी को फिर से पटरी पर लाने के लिए काफी फाइनेंशियल नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
पायलटों की कमी की वजह से मार्च और दिसंबर के बीच इंडिगो की फ्लाइट कैपेसिटी 7 प्रतिशत गिर गई। अगर ये भर्ती पहले ही हो गई होती तो शायद यह अपने मौजूदा नुकसान और शर्मिंदगी से बच सकती थी। एयरलाइन ने FY25 की पहली छमाही में कर्मचारियों की लागत पर 4,095 करोड़ रुपये खर्च किए थे। माना जा रहा है कि नई भर्तियों से उस पर फाइनेंशियल दबाव और बढ़ सकता है। इंडिगो ने सितंबर में खत्म हुई छमाही में 405 करोड़ रुपये का घाटा बताया। जबकि एक साल पहले उसे 1,742 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था।
पायलट की कमी से मुश्किलें बढ़ीं
अब एयरलाइन रिकॉर्ड हायरिंग की तैयारी कर रही है। लोकसभा में दिए गए एक जवाब के अनुसार, DGCA ने 2024 में 1,213 कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) जारी किए थे। इंडिगो भारत के घरेलू एविएशन मार्केट के लगभग दो-तिहाई हिस्से को कंट्रोल करता है। इसलिए इसके हायरिंग फैसलों का इंडस्ट्री-वाइड असर होता है। इंडिगो फ्लाइट ऑपरेशन 9वें दिन बुधवार को भी प्रभावित रहा।
चेन्नई और हैदराबाद में नेटवर्क में चल रही दिक्कतों के बीच 100 से अधिक फ्लाइट कैंसिल हुई। सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह इंडिगो के कम किए गए ऑपरेशन का 10 प्रतिशत दूसरी एयरलाइंस को देने की तैयारी कर रही है।
सीनियर अधिकारियों ने कहा कि रीएलोकेशन को इस तरह से कैलिब्रेट किया जाएगा कि दूसरी एयरलाइन को दी गई एक्स्ट्रा फ्लाइट्स के कारण और फ्लाइट कैंसिल न हों। यह पूरी तरह से मौजूद रिसोर्स पर आधारित होगा। इंडिगो सभी सेक्टर में काम करना जारी रखेगी। हालांकि, ज्यादा डिमांड वाले रूट्स में बदलाव हो सकते हैं।