Gorakhpur NEET Student Murder Row: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पिपराइच थानाक्षेत्र के मऊआचापी गांव में देर रात ग्रामीणों के साथ झड़प के दौरान पशु तस्करों ने कथित तौर पर एक युवक की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान 20 वर्षीय दीपक कुमार गुप्ता के रूप में हुई है। उसका शव गांव से करीब चार किलोमीटर दूर बरामद किया गया। परिजनों ने बताया कि दीपक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट की तैयारी कर रहा था। मंगलवार को गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राज करन नैयर ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि तस्करों द्वारा ट्रक से दीपक को धक्का दिए जाने और उसके सिर में गंभीर चोट लगने के बाद उसकी मौत हुई होगी।
उन्होंने कहा, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारण की पुष्टि होगी। मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस की पांच टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हैं।" पुलिस के अनुसार इस विवाद में ग्रामीणों की पिटाई से एक तस्कर गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों के पथराव में पुलिस का एक अधिकारी भी घायल हो गया। मंगलवार तड़के युवक की मौत की खबर फैलते ही तनाव फैल गया।
नाराज ग्रामीणों ने गोरखपुर-पिपराइच रूट जाम कर दिया। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और ट्रैफिक ठप कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद पांच घंटे बाद जाम हटाया जा सका। मौके पर पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, घटनाओं का सिलसिला सोमवार (15 सितंबर) देर रात शुरू हुआ। दो वाहनों से 10-12 तस्कर आए और कथित तौर पर दुर्गेश गुप्ता की फर्नीचर की दुकान तोड़ने की कोशिश की।
इस दुकान की ऊपरी मंजिल पर एक ट्रैवल एजेंसी थी जहां उनका एक रिश्तेदार सो रहा था। शटर तोड़ने की आवाज सुनकर, उसने दुर्गेश के बेटे दीपक को सूचित किया। पीटीआई के मुताबिक, दीपक शोर मचाते हुए स्कूटर से मौके पर पहुंचा और लगभग 10-15 गांव वाले उसके पीछे दौड़े। इससे घबराकर तस्करों ने गोलियां चला दीं और भागने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया, "अफरा-तफरी में, उन्होंने दीपक को अपनी एक गाड़ी में घसीट लिया और भाग निकले।" पुलिस के अनुसार, इस बीच, गांव वालों ने एक तस्कर को पकड़ लिया, उसकी गाड़ी में आग लगा दी। साथ ही उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसने घायल व्यक्ति को बचाने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने उसपर पथराव किया और झड़प भी हुई।
इस झड़प में एसपी (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच एसएचओ गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बाद में लगभग चार किलोमीटर दूर दीपक का खून से लथपथ शव बरामद किया, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया। इसके बाद करीब पांच घंटे तक ट्रैफिक बाधित रखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। डीआईजी शिव एस. चन्नप्पा और एसएसपी राज करण नैयर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और जल्द कार्रवाई का वादा किया। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने घटना को ‘बेहद दुखद’ बताया और कहा कि लगातार कार्रवाई की जा रही है।
मंगलवार दोपहर बाद जब दीपक का शव अंतिम संस्कार के लिए उसके गांव लाया गया तो माहौल और भी अशांत हो गया। सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और रोती-बिलखती महिलाओं ने पीएसी कर्मियों पर पथराव किया, जिससे सुरक्षाकर्मियों पीछे हटना पड़ा। इसके पहले, दीपक के शोकाकुल पिता ने रोते हुए चिता को अग्नि दी।