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चीन की टक्कर के 5th जेनरेशन फाइटर जेट खुद बनाएगा भारत! मोदी सरकार ने उठाया अहम कदम

5th Generation Fighter Jet : इस EoI के जरिए 5th जेनरेशन फाइटर जेट के प्रोटोटाइप, उसके सर्टिफिकेशन और फ्लाइट टेस्ट इन तीन पैमानों पर पहला परीक्षण किया जाएगा। फिर जब इस टेस्ट में कंपनियां चुन ली जाएंगी तो आगे मैन्युफैक्चरिंग के लिए कदम बढ़ाया जाएगा। इसके लिए कंपनियां चाहें तो अकेले बिड कर सकती है। कंपनियां चाहें तो ज्वाइंटवेंचर कर सकती है या फिर कंसोर्सियम में बिड कर सकती हैं

अपडेटेड Jun 20, 2025 पर 8:26 AM
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5th Generation Fighter Jet : सरकार चाहती है कि ये फाइटर जेट 2030 तक सेना में शामिल कर लिया जाएं। सरकार इसके लिए घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना चाहती है

5th Generation Fighter Jet  : भारत में 5th जेनरेशन फाइटर जेट बनाने की दिशा में सरकार ने पहला कदम उठा लिया है। सरकार ने इसके लिए EoI (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जारी कर दिया है। इस खबर पर डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि सरकार ने तय किया था कि भारत में 5th जेनरेशन फाइटर जेट घरेलू कंपनियों द्वारा बनाया जाएगा और इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अब इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी कर दिया गया है। इस EoI को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी यानी ADA की तरफ से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जो कंपनियां इस तरह के फाइटर जेट बनाने में रुचि रखती हैं वे 16 अगस्त तर अपनी बोली जमा करें।

रक्षा मंत्री ने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के कार्यक्रम को दी मंजूरी, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को मिलेगा बढ़ावा

इस EoI के जरिए 5th जेनरेशन फाइटर जेट के प्रोटोटाइप, उसके सर्टिफिकेशन और फ्लाइट टेस्ट इन तीन पैमानों पर पहला परीक्षण किया जाएगा। फिर जब इस टेस्ट में कंपनियां चुन ली जाएंगी तो आगे मैन्युफैक्चरिंग के लिए कदम बढ़ाया जाएगा। इसके लिए कंपनियां चाहें तो अकेले बिड कर सकती है। कंपनियां चाहें तो ज्वाइंटवेंचर कर सकती है या फिर कंसोर्सियम में बिड कर सकती हैं। सरकार चाहती है कि ये फाइटर जेट 2030 तक सेना में शामिल कर लिया जाएं। सरकार इसके लिए घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार इसके लिए पहले ही बजट में 15000 करोड़ रुपए का आवंटन भी कर चुकी है।


भारतीय वायुसेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को स्वदेश में ही डिजाइन और विकसित करने की दिशा में यह बड़ा कदम है। बताते चले कि मई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यक्रम के 'कार्यान्वयन मॉडल' को मंजूरी दी थी। वर्तमान में सिर्फ दो देशों अमेरिका (एफ-22 एवं एफ-35) और चीन (जे-20 एवं जे-35) के पास पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान हैं। भारत इसे विकसित करने वाला तीसरा देश बन जाएगा।

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