Himachal Pradesh Flood: उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले कई दिनों से मौसम का विकराल रूप देखने को मिल रहा है। इसकी वजह से जम्मू से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब तक भयंकर बारिश से लोग बेहाल हो गए हैं। कहीं बादल फट रहा है, तो कहीं भूस्खलन हो रहा है और कहीं बाढ़ से लोग जूझ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मनाली में तो पिछले कई दिनों से जारी बारिश से बचने के लिए लोग यहां प्रसिद्ध हिडिंबा माता के मंदिर में पहुंच गए हैं। लोग उनसे प्राकृतिक आपदा से बचाने की गुहार लगा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में ब्यास नहीं उफान पर है, और लगातार जारी बारिश से कहीं पहाड़ दरक रहे हैं, तो कहीं बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। अब तक जान-माल का कितना नुकसान हो चुका है, इसका अंदाज लगाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग अपनी जान और अपने राज्य को बचाने के लिए भगवान की शरण में पहुंचे हैं। मनाली में प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए लोग हिडिंबा माता से अपील कर रहे हैं। वहीं, कुल्लू में ग्रामीण लोग छोटी जगती का आयोजन कर रहे हैं।
ग्रामीणों का मानना है कि देवी-देवता देवस्थलों से हो रही छेड़छाड़ से नाराज हैं और उनके आदेश पर ही मुख्यालय रघुनाथपुर में छोटी जगती का आयोजन किया जा रहा है। दरअसल, हिडिंबा माता कुल्लू की आराध्य देवी हैं। राज्य पर आई इस प्राकृति आपादा से बचने के लिए स्थानीय लोग मंदिर में इकट्ठा होकर पूजा और अनुष्ठान कर रहे हैं। इसके लिए ये लोग छोटी जगती का आयोजन कर रहे हैं। इसमें प्रकृति से छेड़छाड़ और देवालय के अनादर के पाप से मुक्त होने के लिए पूजा की जाती है।
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, लोगों का कहना है कि देवता चाहते हैं कि देवस्थलों से हो रही छेड़छाड़ को तुरंत बंद हर दिया जाए। ढालपुर मैदान में चल रहे काम को भी तत्काल बंद कर दिया जाए और भगवान शिव को मनाया जाए। ऐसा नहीं किया गया, तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मनाली का हिडिंबा माता मंदिर पैगोडा स्टाइल में बना है। इसका निर्माण कुल्लू के राजा बहादुर सिंह ने 1553 में बनवाया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार हिडिंबा का जन्म महाभारत काल में हुआ था और वो यहां अपने भाई हिडिंब के साथ रहती थीं। हिडिंबा का विवाह पांडु पुत्र भीम के साथ हुआ था। दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं।