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जेएलएन स्टेडियम में पांचवीं बार आवारा कुत्तों का आतंक, वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो विदेशी कोच पर हमला

Stray Dogs Terror: भारत पहली बार वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (WPAC) की मेजबानी कर रहा है और आवारा कुत्तों ने दिव्यांग एथलीट्स और उनके स्टॉफ की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है। इसकी वजह ये है कि शुक्रवार को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (JLN Stadium) के वार्म-अप ट्रैक पर स्ट्रे डॉग्स यानी कि आवारा कुत्तों ने दो विदेशी कोच पर हमला कर दिया। इस स्टेडियम में पांचवी बार आवारा कुत्तों के ऐसे आतंक का मामला सामने आया है। डिटेल्स में पढ़ें

अपडेटेड Oct 04, 2025 पर 10:03 AM
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भारत सरकार के पब्लिक हेल्थ डेटा के मुताबिक पिछले साल 2024 में कुत्तों के काटने के 37.17 लाख मामले सामने आए, यानी हर दिन औसतन 10,000 से भी अधिक।

Stray Dogs Terror: महज आधे घंटे के भीतर आवारा कुत्तों ने दिल्ली में चल रहे वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (WPAC) में तीन को अपना शिकार बना लिया। इसमें से दो तो विदेशी कोच रहे। बता दें कि भारत में पहली बार यह चैंपियनशिप हो रही है और स्ट्रे डॉग्स यानी आवारा कुत्तों को यह हमला स्टेडियम के वार्म-अप ट्रैक पर हुआ। यह हादसा कॉम्पटीशन राउंड के पहले अपने खिलाड़ियों के ट्रेनिंग की निगरानी के दौरान जापान के फेंसिंग कोच मीको ओकुमात्सु (Meiko Okumatsu) और केन्या के स्प्रिंट कोच डेनिस मरागिया म्वानजो (Dennis Maragia Mwanzo) के साथ हुआ। इन्हें आवारा कुत्तों ने काट लिया। सिर्फ यहीं नहीं स्टेडियम के एक एंट्री गेट पर तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड पर भी आवारा कुत्तों ने हमला किया। ये तीनों घटनाएं 30 मिनट के अंदर हुईं।

क्यों बढ़ रहा है आवारा कुत्तों का आतंक?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चैंपियनशिप के दौरान पांचवी बार आवारा कुत्तों का हमला हुआ है। इस बार विदेशी कोच और सिक्योरिटी गार्ड्स पर इनका हमला हुआ। इससे पहले भी सिक्योरिटी गार्ड्स, वालंटियर्स और स्टेडियम के अधिकारियों पर इनका हमला हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक 21 अगस्त को एमसीडी से चैंपियनशिप की जगह से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए औपचारिक तौर पर अनुरोध किया गया था। एमसीडी ने चैंपियनशिप शुरू होने से पहले पूरे कैंपस की सफाई की थी और तत्काल एक्शन के लिए पहले दिन से ही कुत्तों को पकड़ने वाली गाड़ियां स्टेडियम में तैनात कर दी थी। हालांकि इसके बावजूद आवारा कुत्तों के हमले हो रहे हैं और WPAC की आयोजन समिति के बयान के मुताबिक इसकी वजह स्थानीय लोगों की तरफ से इन कुत्तों को खाना खिलाना है। बयान के मुताबिक कुछ लोग लगातार कुत्तों को स्टेडियम के पास खाना खिला रहे हैं, जिससे वे वापस कैंपस में घुस रहे हैं। आयोजन समिति का कहना है कि अब सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाए गए हैं।


हर दिन हो रही औसतन 10 हजार से अधिक घटनाएं

भारत सरकार के पब्लिक हेल्थ डेटा के मुताबिक पिछले साल 2024 में कुत्तों के काटने के 37.17 लाख मामले सामने आए, यानी हर दिन औसतन 10,000 से भी अधिक। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकडों के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत में 305 लोगों की मौत रेबीज से हुई थी। रेबीज एक खतरनाक बीमारी है जो आमतौर पर कुत्तों के काटने से होती है। आवारा कुत्तों, बिल्लियों और चमगादड़ों की लार से यह इंसानों में फैलता है। चूंकि इसका कोई खास इलाड नहीं है और एक बार लक्षण दिखने पर अधिकतर यह घातक ही साबित होता है तो कुत्ते-बिल्लियों के काटने पर तुरंत डॉक्टर्स के पास जाने की सलाह दी जाती है।

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