Hurun Philanthropy List 2025: भारतीय कॉर्पोरेट जगत के सबसे बड़े परोपकारी और दानवीरों की सूची 'एडल गिव और हुरुन फिलैन्थ्रपी लिस्ट 2025' जारी हो गई है। HCLTech के संस्थापक शिव नादर और उनके परिवार ने पिछले 5 वर्षों में चौथी बार इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। नादर परिवार ने पिछले साल 2,708 करोड़ रुपये का दान दिया है। यानी उन्होंने प्रतिदिन औसतन 7.4 करोड़ रुपये का दान दिया, जिसने उन्हें 'भारत का सबसे परोपकारी व्यक्ति' बना दिया है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की परोपकारी शाखा रिलायंस फाउंडेशन CSR खर्च में शीर्ष पर रही।
ये हैं साल 2025 के शीर्ष दानवीर
व्यक्तिगत दानदाताओं की सूची में नादर परिवार 2,537 करोड़ रुपये के व्यक्तिगत दान के साथ शीर्ष पर रहा। शिव नादर के बाद नंदन नीलेकणि (356 करोड़ रुपये) और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणि (199 करोड़ रुपये) व्यक्तिगत दानदाताओं में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। रंजन पाई और उनके परिवार ने भी लगभग 160 करोड़ रुपये का दान दिया। शिव नादर फाउंडेशन ने मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पिछले 5 वर्षों में 10,122 करोड़ रुपये का दान दिया है, जो किसी एक क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान है।
2025 की सूची में 191 परोपकारी शामिल हैं, जिन्होंने कुल मिलाकर 10,380 करोड़ रुपये का दान दिया, जो तीन साल पहले की तुलना में 85% अधिक है। इस सूची के शीर्ष 25 दानदाताओं ने केवल तीन वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये का दान दिया है, जिसका अर्थ है कि उन्होंने औसतन हर दिन 46 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
CSR में रिलायंस इंडस्ट्रीज का सबसे बड़ा योगदान
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) खर्च में अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) शीर्ष पर रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने CSR के तहत 1,309 करोड़ रुपये का दान दिया, जो उनके अनिवार्य खर्च से 261 करोड़ रुपये अधिक है।रुंगटा संस (181 करोड़ रुपये) और जिंदल स्टील एंड पावर (267 करोड़ रुपये) ने भी अपने अनिवार्य CSR खर्च से काफी अधिक योगदान दिया।
इन्फोसिस संस्थापकों का रिकॉर्ड तोड़ दान
इन्फोसिस के सह-संस्थापकों और उनके परिवारों नंदन नीलेकणि, क्रिस गोपालकृष्णन, के. दिनेश, रोहिणी नीलेकणि और कुमारी शिबूलाल ने सामूहिक रूप से इस वर्ष 850 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया। यह राशि प्रति दिन 2 करोड़ रुपये से अधिक है और यह किसी एक कंपनी से उपजी परोपकारिता के लिए एक रिकॉर्ड है।
दान देने में महिलाएं भी है आगे
इस वर्ष सूची में 24 महिलाएं शामिल थीं। रोहिणी नीलेकणि 204 करोड़ रुपये के योगदान के साथ भारत की सबसे उदार महिला रहीं। वहीं बायोकोन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ ने अनुसंधान और विकास के लिए 83 करोड़ रुपये का दान दिया, जबकि बीना शाह ने शिक्षा के समर्थन में 69 करोड़ रुपये का योगदान दिया।