भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष में तुर्किये का सपोर्ट पाकिस्तान के साथ रहा। उसने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की आलोचना की। भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर तुर्किये के ड्रोनों का इस्तेमाल भी किया था। इसके बाद देश में तुर्किये के खिलाफ आक्रोश है। कई संस्थानों ने तुर्किये की यूनिवर्सिटीज के साथ समझौतों को रद्द कर दिया है। इस कड़ी में ताजा नाम IIT बॉम्बे का है।
IIT बॉम्बे ने कहा है, 'तुर्किये से जुड़ी वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के कारण IIT बॉम्बे, तुर्किये की यूनिवर्सिटीज के साथ अपने समझौतों को अगली सूचना तक सस्पेंड कर रहा है।' इससे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की ने भी तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किए गए समझौते को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया।
संस्थान के डायरेक्टर कमल किशोर पंत का कहना है, “IIT रूड़की राष्ट्रीय नीति और रणनीतिक हितों के सपोर्ट में दृढ़ता से खड़ा है। एक अग्रणी संस्थान के रूप में हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारी वैश्विक साझेदारी हमारी वैल्यूज, प्राथमिकताएं और सुरक्षा संबंधी विचारों को दर्शाए। हमारा ध्यान ऐसे सार्थक और जिम्मेदार शैक्षणिक सहयोग बनाने पर रहता है, जो भारत के विकास और वैश्विक स्थिति में योगदान दे।”
JNU, जामिया, AMU ने भी रद्द किए करार
IIT रूड़की और IIT बॉम्बे के अलावा दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी; अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) समेत कई एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स ने या तो तुर्किये की यूनिवर्सिटीज के साथ अपना कोलैबोरेशन रद्द कर दिया है या फिर ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं। JNU ने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता सस्पेंड कर दिया है। वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के संस्थानों के साथ सभी प्रकार के सहयोग को सस्पेंड कर दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) भी अपनी अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारियों की समीक्षा कर रहा है।
हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) ने भी तुर्किये के यूनुस एमरे इंस्टीट्यूट के साथ अपने शैक्षणिक MoU (Memorandum of Understanding) को तत्काल समाप्त करने की घोषणा की है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने भी तुर्किये के साथ अपने सभी शैक्षिक संबंध खत्म कर दिए हैं।
शारदा यूनिवर्सिटी, LPU, CSJMU ने भी उठाया कदम
शारदा यूनिवर्सिटी ने भी तुर्किये के दो शैक्षणिक संस्थानों के साथ हुए समझौतों को रद्द कर दिया है। अब तुर्किये के छात्रों को यूनिवर्सिटी में एंट्री नहीं मिलेगी। फिलहाल शारदा यूनिवर्सिटी में करीब 15 तुर्किये छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने भी हाल की अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का हवाला देते हुए तुर्किये और अजरबैजान के साथ अपने 6 अकादमिक समझौतों को रद्द कर दिया है। कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने भी तुर्किये के इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते को तत्काल समाप्त करने की घोषणा की है।