भारत ने शुक्रवार को नाटो महासचिव मार्क रूट के इस दावे को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में फोन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सवाल पूछे थे। भारत ने इस बयान को "तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार" बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रमुख वैश्विक निकायों के नेताओं को अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों में "ज्यादा जिम्मेदारी और सटीकता" का ध्यान रखान चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कथित फोन पर हुई बातचीत के बारे में नाटो महासचिव मार्क रूट का बयान देखा है। यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी राष्ट्रपति पुतिन से उस तरीके से बात नहीं की, जैसा बताया जा रहा है। ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।"
इसमें आगे कहा गया है कि ऐसे काल्पनिक या लापरवाह बयान जो प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को गलत तरीके से पेश करते हैं या ऐसी बातचीत का संकेत देते हैं जो कभी हुई ही नहीं, "अस्वीकार्य" हैं।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अलग CNN को दिए एक इंटरव्यू में, रूट ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से यूक्रेन पर अपनी रणनीति समझाने के लिए कहा था।
पूर्व डच प्रधानमंत्री रूट ने कहा कि रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ का मॉस्को पर "बड़ा असर" पड़ रहा है।
रूट ने कहा, "भारत पर ट्रंप के टैरिफ का रूस पर बड़ा असर पड़ रहा है। भारत पुतिन से फोन पर बात कर रहा है और नरेंद्र मोदी उनसे यूक्रेन पर अपनी रणनीति समझाने के लिए कह रहे हैं, क्योंकि भारत पर टैरिफ का असर पड़ रहा है।"
भारत और अमेरिका व्यापार पर उच्च स्तरीय चर्चा में लगे हुए हैं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में बातचीत करने गए थे, जो आज ही वहां से लौटे हैं।
ट्रंप ने व्यापारिक तनाव और रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर 50% का भारी टैरिफ लगा दिया है। हालांकि, हाल ही में तनाव कम हुआ है और ट्रंप और मोदी दोनों ने विश्वास जताया है कि जल्द ही एक व्यापार समझौता हो सकता है।