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India-Afghanistan Diplomatic Ties: भारत और अफगानिस्तान के बीच राजनयिक संबंध बहाल, काबुल में फिर खुलेगा भारतीय दूतावास

India-Afghanistan Diplomatic Ties: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी को बताया कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को काबुल में अपना दूतावास दोबारा खोलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत तालिबान सरकार के साथ अपने संबंधों को नए सिरे अपग्रेड करेगा

अपडेटेड Oct 10, 2025 पर 2:17 PM
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India-Afghanistan Diplomatic Ties: अफनागिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा अफगान लोगों के साथ खड़ा रहा है

India-Afghanistan Diplomatic Ties: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास को फिर खोला जाएगा। जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी को बताया कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को काबुल में अपना दूतावास दोबारा खोलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत तालिबान सरकार के साथ अपने संबंधों को नए सिरे अपग्रेड करेगा।

साल 2022 से भारत ने काबुल में एक टेक्निकल मिशन बनाए रखा था। लेकिन अब यह कदम भारत-तालिबान संबंधों में नए चरण की शुरुआत मानी जा रही है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा, "मुझे आज काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर उन्नत करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारे (भारत-अफगानिस्तान) बीच घनिष्ठ सहयोग आपके राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता और लचीलेपन में भी योगदान देता है। इसे और मजबूत करने के लिए मुझे आज काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर उन्नत करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।"

जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि आपकी यात्रा भारत-अफगानिस्तान संबंधों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, मुत्ताकी ने कहा कि भारत हमेशा अफगान लोगों के साथ खड़ा रहा है और कई क्षेत्रों में उनकी सहायता की है। विदेश मंत्री जयशंकर के साथ वार्ता के दौरान अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा कि भारत इस क्षेत्र का एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण देश है।


अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के सत्ता से हटने और तालिबान के सत्ता अपने हाथ में लेने के चार साल बाद तालिबान सरकार के किसी नेता की काबुल से भारत की यह पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है।

मामले से परिचित लोगों ने बताया कि मुत्तकी अपनी छह दिवसीय भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ व्यापक बातचीत करेंगे। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि मुत्तकी के कार्यक्रमों में दारुल उलूम देवबंद मदरसा का दौरा और ताजमहल की यात्रा शामिल है।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का पिछले महीने नई दिल्ली का दौरा निर्धारित था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंधों के तहत उन पर लगे यात्रा प्रतिबंध के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के एक बयान के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्तकी को 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली की यात्रा की अनुमति देते हुए यात्रा प्रतिबंध में अस्थायी छूट को मंजूरी दे दी है।

इस छूट ने अफगान विदेश मंत्री के भारत दौरे का रास्ता साफ कर दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सभी प्रमुख तालिबान नेताओं पर प्रतिबंध लगाए थे। उन्हें विदेश यात्राओं के लिए यात्रा मंजूरी हासिल करना जरूरी होता है। मुत्तकी की भारत यात्रा से काबुल में तालिबान के साथ भारत के संबंधों में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को मुत्तकी से फोन पर बातचीत की थी। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह भारत और अफगानिस्तान के बीच शीर्ष स्तर का संपर्क था। भारत ने अब तक तालिबान के शासन को मान्यता नहीं दी है और वह काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत करता रहा है।

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भारत इस बात पर भी जोर देता रहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तालिबान शासन ने जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और मुत्तकी के बीच बातचीत के बाद भारत को एक अहम क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति बताया था।

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