ओडिशा में देश के इतिहास की सबसे बड़ी इनकम टैक्स छापेमारी हुई। 10 दिन की इस कार्रवाई में, जो बौध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड पर हुई, भारी संख्या में मैन पावर और मशीनरी शामिल थी। छापेमारी इतने बड़े स्तर पर थी कि इनकम टैक्स ने अंडरग्राउंड कीमती सामान का पता लगाने के लिए 'स्कैनिंग व्हील' मशीन का इस्तेमाल किया। छापेमारी के बाद, 352 करोड़ रुपए की भारी रकम जब्त की गई और ट्रकों में लादकर विभाग के कार्यालय में कड़ी सुरक्षा के साथ ले जाई गई।
जब्त किए गए कैश की मात्रा इतनी थी कि नोट गिनने के लिए तीन दर्जन मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ा, और अलग-अलग बैंकों के कर्मचारियों को पैसे गिनने में मदद करने के लिए बुलाया गया। यह छापेमारी इनकम टैक्स विभाग अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जाती है।
इतना ही नहीं केंद्री सरकार ने अगस्त में छापेमारी का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों, जिनमें प्रधान निदेशक आयकर जांच एसके झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह शामिल हैं, को सम्मानित किया।
ये छापेमारी 10 दिसंबर 2023 को शुरू हुई थी। ओडिशा में एक डिस्टिलरी से इनकम टैक्स ने नोटों का बढ़ा ढेर बरामद किया। जिसे गिनने में 50 से ज्यादा बैंक और कर्मचारी 40 मशीनों का इस्तेमाल किया और पांच दिन का समय लगाया। यह डिस्टिलरी झारखंड के कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़ी थी।
रविवार शाम को जब गिनती पूरी हुई तो यह रकम लगभग 340 करोड़ रुपए आंकी गई, जो ओडिशा में एक ही ऑपरेशन में पकड़ी गई सबसे बड़ी नकदी बताई गई। हालांकि बाद में ये बढ़ कर 350 करोड़ से ज्यादा हुई और इस तरह ये देश की सबसे बड़ी IT रेड बनी।
पूरी टीम को किया गया सम्मानित
21 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देने के लिए इनकम टैक्स टीम की कोशिशों की सराहना की। आयकर जांच के प्रधान निदेशक एसके झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली टीम को भुवनेश्वर में आयोजित एक समारोह में 'CBDT उत्कृष्टता प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम आयकर विभाग की 165वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह का हिस्सा था।
10 दिनों तक चले इस अभियान में देश में किसी भी एजेंसी की तरफ से अब तक की सबसे बड़ी नकदी जब्ती हुई। पिछले साल 6 दिसंबर को, भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 2010 बैच के अधिकारी सिंह ने कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी के आधार पर ओडिशा में एक डिस्टिलरी ग्रुप के कई ठिकानों पर की गई छापेमारी में अहम भूमिका निभाई थी।
छापेमारी के दौरान विभाग ने जमीन के नीचे दबे कीमती सामान को खोजने के लिए खास स्कैनिंग मशीन का इस्तेमाल किया। भारी मात्रा में नकदी गिनने के लिए 36 नोट गिनने वाली मशीनें लगाई गईं और कई बैंकों के कर्मचारी इस काम में जुटे। इस कार्रवाई में कुल 351.8 करोड़ रुपए बरामद हुए।
अब आयकर विभाग का ध्यान बकाया टैक्स वसूलने पर है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उन 5,000 मामलों पर नजर रखें, जिनमें कुल 43 लाख करोड़ रुपए की वसूली बाकी है।