पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि मेडिकल वीजा को छोड़कर बाकी सभी प्रकार के पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द माने जाएंगे। इसका मतलब है कि जो भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय सीमा तक भारत नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार का ये कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के इरादे से उठाया गया है। इस फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच वीजा संबंधी प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसका सीधा असर दोनों देशों के नागरिकों पर पड़ेगा।
भारत द्वारा पाकिस्तानियों को दिए जाने वाले वीजा प्रकार
भारत अब तक पाकिस्तान के नागरिकों को कुल 14 तरह के वीजा जारी करता था। इनमें SAARC वीजा, बिजनेस वीजा, वीजा ऑन अराइवल, पत्रकार वीजा, मेडिकल वीजा, ट्रांजिट वीजा, फिल्म वीजा, पर्वतारोहण वीजा, कॉन्फ्रेंस वीजा, विजिटर वीजा, छात्र वीजा, तीर्थ वीजा, ग्रुप टूरिस्ट वीजा और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए ग्रुप तीर्थ वीजा शामिल थे। अब इन वीजा धारकों को निर्धारित समयसीमा के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
वीजा रद्द करने की समयसीमा और शर्तें
सरकार ने साफ कर दिया है कि 12 वीजा श्रेणियों के तहत आने वाले नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा। वहीं, SAARC वीजा धारकों को शनिवार तक का समय दिया गया था, जबकि मेडिकल वीजा पर आए लोगों को 29 अप्रैल तक भारत से वापस लौटने की छूट दी गई है। यदि कोई भी निर्धारित समय के भीतर नहीं जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
SAARC वीजा : सबसे ताकतवर वीजा
इन सभी वीजा में सबसे ताकतवर SAARC वीजा को माना जाता था। इस वीजा के जरिए सार्क देशों के चुनिंदा नागरिकों को बिना वीजा के यात्रा करने की सुविधा मिलती थी। 1992 में शुरू किए गए इस वीजा का उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देना था। SAARC वीजा उन लोगों को जारी किया जाता था, जो सार्क देशों के भीतर वीजा-मुक्त आवाजाही के विशेषाधिकार रखते थे। लेकिन अब भारत ने इसे भी पाकिस्तान के नागरिकों के लिए तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।