Services activity data for May : 4 जून को एक प्राइवेट सर्वे द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत के सर्विस सेक्टर की गतिविधि मई में तेजी से बढ़ी है और यह अप्रैल के 58.7 से बढ़कर तीन महीने के हाई 58.8 पर पहुंच गई है। HSBC इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स लगातार चार महीनों से 58 के लेवल से ऊपर बना हुआ है।
गौरतलब है कि 50 का स्तर सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी सर्विसेज PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है।
मई में कंपोजिट PMI अप्रैल के 59.7 से घटकर 59.3 के स्तर पर रही है। कंपोजिट पीएमआई, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और सर्विसेज पीएमआई का योग होती है।
देश के सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विपरीत रहा है। मैन्युफैक्चरिंग PMI मई महीने में 57.6 के स्तर पर रहने के साथ तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है। बढ़ती लागत और भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने आर्थिक गतिविधि पर दबाव डाला है।
ट्रम्प के टैरिफ के खतरे के बावजूद, कुछ अच्छी बातें भी हुई हैं। एक्सपोर्ट ग्रोथ तीन सालों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। भारत टैरिफ के खतरे से बचने के लिए अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर फोकस कर रहा है। साथ ही वह सप्लाई चेन में होने वाले बदलाव में चीन का विकल्प बनने की भी कोशिश कर रहा है।
मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI
उधर 2 जून को आए ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि पिछले महीने के 58.2 की तुलना में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 57.6 पर आ गई है। जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं,मई में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में पहली गिरावट आई है। ट्रंप टैरिफ से अमेरिका में आयात लागत लगभग एक सदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।