ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील पर 24 जुलाई को हस्ताक्षर हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए खास तौर पर ब्रिटेन की यात्रा पर हैं। उनकी मौजूदगी में इस ट्रेड डील पर हस्ताक्षर हुए। माना जा रहा है कि इस ट्रेड डील से न सिर्फ इंडिया और ब्रिटेन के बीच व्यापार बढ़ेगा बल्कि इंडिया में ब्रिटेन से आयात होने वाली कई चीजों की कीमतों में कमी आएगी।
इंडिया में ये चीजें होेंगी सस्ती
दोनों देश एक-दूसरे के प्रोडक्ट्स पर टैरिफ घटाएंगे। करीब 10 साल में प्रोडक्ट्स पर टैरिफ पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। भारत ब्रिटेन से व्हिस्की, चॉकलेट, बिस्किट्स, सालमन फिश, कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स, मेडिकल इक्विपमेंट और कारों का आयात करता है। समझौते के तहत इन उत्पादों पर भारत अब टैरिफ घटाएगा। इससे इन चीजों की कीमतें इंडियन मार्केट्स में कम होगी।
व्हिस्की पर टैरिफ में सबसे ज्यादा कमी
व्हिस्की और जिन पर टैरिफ में सबसे ज्यादा कमी आने के आसार हैं। पहले चरण में इन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को 150 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी तक करने का प्लान है। उसके बाद धीरे-धीरे टैरिफ में और कमी होगी। 10 साल में टैरिफ घटकर 40 फीसदी पर आ जाएगा। अभी ब्रिटेन की कारों पर इंडिया 100 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगाता है। यह घटकर 10 फीसदी पर आ जाएगा। हालांकि, इसके लिए कोटा तय है।
ब्रिटेन की लग्जरी कारें भी सस्ती होंगी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जगुआर और लैंडरोवर्स जैसी लग्जरी गाड़ियां की कीमतें इंडिया में कम हो जाएंगी। कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और यूके के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए। बताया जाता है कि ब्रिटेन भी इंडिया से आयात होने वाली चीजों पर टैरिफ घटाएगा। इससे ब्रिटेन में इंडियन प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे। इससे उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता ब्रिटेन के बाजार में बढ़ेगी।
दोनों देशों में 3 साल से चल रही थी डील पर बातचीत
इस ट्रेड डील पर दोनों के प्रतिनिधियों के बीच बीते 3 सालों से बातचीत चल रही थी। बताया जाता है कि इससे दोनों देशों के बीच हर साल द्विपक्षीय व्यापार में 34 अरब डॉलर तक का इजाफा होगा। सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट्स जैसी चीजों के दाम इंडिया में कम होंगे। बताया जाता है कि इस डील की वजह से औसत टैरिफ 15 फीसदी से घटकर 3 फीसदी पर आ जाएगा।
2030 तक द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 120 अरब डॉलर पहुंच जाएगा
एक अनुमान के मुताबिक, इस ट्रेड डील की वजह से दोनों के बीच व्यापार के 2030 तक बढ़कर दोगुना यानी 120 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इस डील को दोनों देशों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। ब्रिटेन यूरोप के ताकतवर देशों में से एक है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से व्यापारिक रिश्ते रहे हैं।