India's Air Quality Crisis: देश के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI गंभीर स्थिति में है। एक तरफ जहां दिल्ली, नोएडा में लोगों का सांस लेना मुहाल हो रहा है वहीं दूसरी तरफ दक्षिण भारत के राज्यों में क्लीन एयर देखने को मिल रही है। लेटेस्ट AQI डेटा में हवा की गुणवत्ता के हिसाब से उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक स्पष्ट विभाजन साफ दिख रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 24 घंटे के औसत डेटा संकलन (24 नवंबर, शाम 4:00 बजे तक) के अनुसार, उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता संकट गंभीर बना हुआ है।
देश के सबसे प्रदूषित शहर: उत्तर भारत का दबदबा
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में उत्तरी भारत का एकाधिकार है। शीर्ष दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह शहर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 416 AQI दर्ज किया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है और देश में सबसे खराब है। दिल्ली NCT का AQI 382 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है, जिसमें PM2.5 मुख्य प्रदूषक रहा। NCR और आसपास के क्षेत्रों में भी खतरनाक रीडिंग जारी रहीं, जिसमें नोएडा (397), गाजियाबाद (396), ग्रेटर नोएडा (382), चरखी दादरी (366), बुलंदशहर (356), मेरठ (350), मानेसर (342) और बागपत (330) शामिल हैं।
बढ़ती खतरनाक परिस्थितियों के जवाब में राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सख्त उपाय लागू किए हैं। हालांकि इन उपायों का कुछ खास असर देखने को मिल नहीं रहा है।
देश के सबसे साफ शहर: तमिलनाडु का प्रभुत्व
देश के दक्षिण और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में हवा की गुणवत्ता काफी बेहतर है, जो एक स्वस्थ वातावरण प्रस्तुत करती है। तमिलनाडु के अरियालुर में मात्र 13 AQI दर्ज किया, जो देश में सबसे अच्छा है और 'अच्छा' श्रेणी में आता है। अरियालुर के बाद ऊटी (15), करूर (16) और तिरुचिरापल्ली (16) भी सबसे साफ शहरों में रहे। तमिलनाडु राज्य ने स्वच्छ हवा के मामले में उल्लेखनीय प्रभुत्व दिखाया है, शीर्ष दस सबसे साफ शहरों की सूची में आठ स्थान हासिल किए हैं। तंजावुर और पूर्वोत्तर भारत के शिलांग (मेघालय) का AQI 17 दर्ज किया गया। कर्नाटक के मैंगलोर (25) और दावणगेरे (26) के साथ, तमिलनाडु के पेरुनदुरई (21), तिरुपुर (22) और सलेम (22) ने भी सूची में जगह बनाई।