नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइनों को पायलट के वीकली रेस्ट की जगह पर छुट्टी देने पर रोक लगाने वाले नियम को वापल ले लिया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब इंडिगो लगातार अपनी ऑपरेशनल समस्याओं से जूझ रहा है। रेगुलेटर ने कहा कि यह रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, जिससे एयरलाइनों को क्रू की कमी और टाइम टेबल संबंधी रुकावटों के कारण कई दिनों तक बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं, लेकिन अब क्रू रोस्टर को स्थिर करने के लिए ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।
DGCA ने एक बयान जारी कर रहा, "चल रही ऑपरेशनल दिक्कतों और एयरलाइनों से मिले सुझावों को देखते हुए, ताकि कामकाज बिना रुके और स्थिर तरीके से चलता रहे, पहले दिए गए उस निर्देश को तुरंत वापस लिया जाता है, जिसमें कहा गया था कि वीकली ऑफ की जगह कोई और छुट्टी नहीं दी जा सकती।" यानी अब क्रू स्टाफ वीकली रेस्ट की जगह छुट्टी ले सकेगा।
इससे पहले फ्लाइट कैंसिलेशन का संकट इस हद तक गहरा गया था कि दिल्ली एयरपोर्ट ने घोषणा की है कि इंडिगो की सभी घरेलू फ्लाइट आधी रात तक रद्द कर दी गईं, क्योंकि एयरलाइन अपने इतिहास की सबसे खराब ऑपरेशनल समस्याओं का सामना कर रही है। यह कदम इंडिगो के नेटवर्क में पिछले चार दिनों से बढ़ती समस्याओं के बीच उठाया गया है, जिसके दौरान अकेले आज 700 से ज्यादा फ्लाइट रद्द कर दी गईं, जो एयरलाइन के 20 साल के इतिहास में एक दिन में कैंसिल होने वाली सबसे ज्यादा फ्लाइट हैं।
DGCA ने पायलट संगठनों को पत्र लिखकर इंडिगो (और) कोहरे के मौसम, छुट्टियों के व्यस्त समय और शादियों के सीजन समेत अलग-अलग फैक्टर के कारण एयरलाइन ऑपरेशन पर बढ़ते दबाव और देरी के मद्देनजर "स्थिर और सुचारू उड़ान संचालन बनाए रखने" में सहयोग मांगा है।
अब आज किए गए FDTL नियमों के बदलाव के बाद एयरलाइन को पायलटों और क्रू की रोस्टरिंग में ‘वीकली आराम’ और ‘छुट्टी’ को अलग-अलग मानने की जरूरत नहीं है।
अब अगर किसी पायलट को 48 घंटे की अर्जित छुट्टी (Earned leave) दी जाती है, तो इसे उसके अनिवार्य ‘वीकली रेस्ट’ के रूप में भी गिना जाएगा, जैसा कि नए नियमों में कहा गया है।
DGCA के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को अलग-अलग चरणों में लागू किया गया था। ये नियम 1 नवंबर 2025 से पूरी तरह लागू हो गए। इसके मुख्य बदलाव जनवरी 2024 में जारी किए गए थे और एयरलाइनों को समय देने के लिए इन्हें धीरे-धीरे लागू किया गया। 20 जून 2025 वाला नियम भी इसी चरणबद्ध प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका मकसद पायलटों और केबिन क्रू के लिए थकान कम करने के नियमों को और सख्त बनाना है।