IRCTC ने कश्मीर और लेह पैकेज रद्द करने वाले पर्यटकों को दिया पूरा रिफंड, दी ये जानकारी

IRCTC Refunds: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद देशभर में गहरा आक्रोश फैल गया। इस संकट की घड़ी में IRCTC ने कश्मीर, लेह और मनाली में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, जिन्होंने कश्मीर की यात्रा रद्द की, उन्हें पूरा रिफंड भी दिया गया

अपडेटेड May 16, 2025 पर 4:21 PM
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IRCTC ने कश्मीर और लेह पैकेज रद्द करने वाले पर्यटकों का पूरा पैसा वापस कर दिया है।

IRCTC Refunds  : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद आईआरसीटीसी ने 22 मई 2025 तक कश्मीर और लेह पैकेज रद्द करने वाले पर्यटकों का पूरा पैसा वापस कर दिया है। इस दौरान आईआरसीटीसी ने कश्मीर, लेह और हिमाचल प्रदेश से सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। पर्यटकों ने आईआरसीटीसी के इन प्रयासों की खूब तारीफ की।

पर्यटकों को दिया पूरा रिफंड

बता दें किु 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद देशभर में गहरा आक्रोश फैल गया। हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए और उन्हें नष्ट किया गया। इस संकट की घड़ी में IRCTC ने कश्मीर, लेह और मनाली में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, जिन्होंने कश्मीर की यात्रा रद्द की, उन्हें पूरा रिफंड भी दिया गया।


IRCTC की इस जिम्मेदारी भरी कार्रवाई की लोगों ने सराहना की और कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर उनकी मदद और प्रोफेशनल रवैये के लिए धन्यवाद दिया। हमले के वक्त कश्मीर में थे 174 पर्यटक, IRCTC ने सभी को सुरक्षित निकाला।

पहलगाम आतंकी हमले के समय IRCTC ने स्थिति को देखते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा और राहत कार्य शुरू किया। 23 से 26 अप्रैल के बीच इन सभी पर्यटकों को श्रीनगर से दिल्ली लाया गया और फिर वहां से उन्हें हवाई मार्ग से उनके घरों तक सुरक्षित पहुँचाया गया।

लेह और मनाली से भी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला

जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, तो IRCTC ने लेह और मनाली में मौजूद पर्यटकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। लेह में दो और मनाली में एक समूह, कुल मिलाकर 92 पर्यटक, इस दौरान फंसे हुए थे। सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यह काम काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था। IRCTC के शीर्ष अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन, राज्य सरकारों और सीमा सड़क संगठन के साथ मिलकर इन यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। इसके अलावा, IRCTC के कॉर्पोरेट ऑफिस में 24 घंटे का कंट्रोल रूम भी बनाया गया, जहां वरिष्ठ अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ लगातार काम कर रहे थे।

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