Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में 87 में से 48 पर्यटक स्थल बंद, सुरक्षा संबंधी चिंताओं के लेकर फैसला

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में दर्जनों रिसॉर्ट और आधे से ज्यादा पर्यटन स्थल बंद कर दिए हैं। पहलगाम के खूबसूरत मैदानों में आतंकी हमले के कुछ दिन बाद सुरक्षा चिंताओं के बीच यह एहतियाती कदम उठाया गया है। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 12:19 PM
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Pahalgam Terror Attack: बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में स्थित करीब 50 सार्वजनिक पार्क एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है। आगामी दिनों में इस लिस्ट में और स्थान जोड़े जा सकते हैं।

अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं। इनमें पिछले 10 साल में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं। पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित किए गए स्थानों में दूधपथरी, कोकेरनाग, डकसुम, सिंथन टॉप, अचबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं।

अधिकारियों ने इस संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है। लेकिन इन स्थानों पर एंट्री रोक दिया गया है। दक्षिण कश्मीर के कई 'मुगल गार्डन' के गेट बंद कर दिए गए हैं। इन पर्यटन स्थलों को बंद करने का फैसला पहलगाम के बैसरन में आतंकवादी हमले के एक सप्ताह बाद किया गया। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।


इस नरसंहार के बाद डरे हुए पर्यटक केंद्र शासित प्रदेश से भाग रहे हैं, जबकि कई यात्रियों ने अपनी आगामी यात्राएं रद्द कर दी हैं। सिर्फ़ एक हफ्ते पहले पहलगाम शहर में पर्यटकों से भरा एक चहल-पहल भरा बाजार था। लेकिन अब पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई है।

स्थानीय लोगों को डर है कि पर्यटन में गिरावट का उनके आय के स्रोत और आजीविका पर बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि शहर अभी भी पिछले सप्ताह की भयावहता से उबर नहीं पाया है। उन्होंने आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किए हैं और पीड़ितों के साथ अपनी एकजुटता जताई है।

आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि कश्मीर के लोग निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। लोगों को अलग-थलग करने वाली किसी भी गलत कार्रवाई से बचना चाहिए। सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में एक भावुक भाषण में उन्होंने कहा कि दो दशकों में यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकवादी हमले के विरोध में इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे हैं।

सीएम ने कहा कि कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, ऐसा कोई शहर या गांव नहीं है जहां लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन न किया हो। उन्होंने कहा कि पीड़ितों से माफी मांगने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने इस त्रासदी का इस्तेमाल राज्य के दर्जे की मांग को लेकर करने से भी इनकार कर दिया।

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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी राजनीति 'सस्ती' नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने की कसम खाई है। पीएम मोदी कहा है कि भारतीय सेना उन्हें धरती के अंत तक खदेड़ देगी।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Apr 29, 2025 12:17 PM

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