Pahalgam Attack: राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

Rahul Gandhi News: कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति से निपटने की सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने के लिए संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 10:25 AM
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Pahalgam Terror Attack: राहुल गांधी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं

Pahalgam Terror Attack News: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पैदा हालात के मद्देनजर संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाए। ताकि आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संकल्प एवं इच्छाशक्ति को व्यक्त किया जा सके। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध किया है। पत्र में लिखा है, "इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं।"

इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस लेटर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार रात प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति से निपटने की सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने के लिए संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।"

खड़गे ने पत्र में कहा, "इस समय एकता और एकजुटता जरूरी है और ऐसे में विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए। यह 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकवादी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति की एक मजबूत अभिव्यक्ति होगी।" उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि सत्र बुलाया जाएगा।"


भारत ने कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद वैश्विक नेताओं की ओर से मजबूत, स्पष्ट समर्थन और एकजुटता, आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का प्रमाण है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा, "2008 में हुए 26/11 के भीषण मुंबई हमलों के बाद पहलगाम आतंकवादी हमले में इतनी अधिक संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं।"

पटेल ने कहा, "दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार होने के कारण भारत इस बात को अच्छी तरह समझता है कि इस तरह के कृत्यों का पीड़ितों, उनके परिवारों और समाज पर दीर्घकालिक असर पड़ता है।" पटेल सोमवार को इस विश्व संस्था के मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय के विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क (वोटन) के डिजिटल एवं प्रत्यक्ष माध्यम से हुए उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर भारत के विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक थे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित वैश्विक नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की तथा भारत के साथ अपनी संवेदना एवं एकजुटता व्यक्त की।

पिछले हफ्ते 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले की अत्यधिक कड़े शब्दों में निंदा की। सुरक्षा परिषद ने जोर दिया कि इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। साथ ही आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य को अंजाम देने वाले और उसके प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी राष्ट्रों को अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए।

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प्रेस वक्तव्य सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष द्वारा सभी 15 सदस्य देशों की ओर से मीडिया को दिया गया एक घोषणापत्र है। फ्रांस अप्रैल महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और प्रेस वक्तव्य परिषद के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत जेरोम बोनाफोंट द्वारा जारी किया गया था। पाकिस्तान वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य है। एक प्रेस वक्तव्य के लिए परिषद के सभी सदस्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Apr 29, 2025 10:14 AM

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