Encounter In J&K Kishtwar: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार (22 मई) सुबह आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुआ। कम से कम 3-4 आतंकवादियों के फंसने की खबर है। सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम द्वारा खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया यह ऑपरेशन दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में छह आतंकवादियों के मारे जाने के एक सप्ताह बाद हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह किश्तवाड़ के चटरू के सिंहपुरा इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई।
माना जा रहा है कि मुठभेड़ में करीब 3 से 4 आतंकवादी फंसे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती गोलीबारी के बाद सुरक्षा बल उस जगह पर पहुंचे, जहां आतंकवादी फंसे हुए थे। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान जारी है। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। सुरक्षा बल खतरे को बेअसर करने की कोशिश कर रहे हैं।
शोपियां के केलर इलाके और पुलवामा के त्राल में क्रमश: 13 मई और 15 मई को दो अलग-अलग मुठभेड़ें हुई थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने निगरानी और तलाशी अभियान बढ़ा दिया है। स्थानीय अधिकारियों ने भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त करके उन पर नकेल कसी है।
इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक अभियान में जम्मू सीमा पर पांच पाकिस्तानी चौकियां और आतंकवादियों का एक लॉन्चपैड नष्ट कर दिए। बीएसएफ कमांडेंट चंद्रेश सोना ने पीटीआई को बताया, "हमने उनकी गोलीबारी (पाकिस्तान द्वारा) का मुंहतोड़ जवाब दिया। हमने उनकी कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया। मस्तपुर में उनका एक लॉन्चपैड था, जिसे हमने नष्ट कर दिया। हमारी कार्रवाई के कारण उनकी पांच चौकियां पूरी तरह तबाह हो गईं और हमने उनके कई बंकर भी नष्ट कर दिए।"
उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से ही पाकिस्तान लगातार नागरिक इलाकों और भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है। अधिकारी ने कहा, "10 मई को पाकिस्तान ने हमारी चौकियों, तैनाती स्थल और गांवों को निशाना बनाया। उन्होंने 61 एमएम और 82 एमएम मोर्टार का इस्तेमाल करते हुए भारी गोलेबारी की।"
उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तानी सेना का सामना कर रहे थे जो पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मिलकर लड़ रही थी। हमने पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स दोनों को ही भयंकर नुकसान पहुंचाया।" सोना ने कहा कि गोलीबारी बंद होने के बाद भी कई घंटों तक चौकियों से घायलों को अस्पताल ले जाने वाली एम्बुलेंस देखी गईं।
अधिकारी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान महिला जवानों की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा, "हर बीएसएफ बटालियन में महिला कांस्टेबल शामिल हैं। उन्होंने घर जाने या बटालियन मुख्यालय लौटने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगी और पाकिस्तान को जवाब देंगी।"