Get App

कौन हैं जस्टिस स्वामीनाथन? जिनके खिलाफ महाभियोग की तैयारी, इस आदेश पर मचा सियासी घमासान

यह पूरा विवाद जस्टिस स्वामीनाथन के उस आदेश से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि कार्तिगई दीपम का दीया सिर्फ उची पिल्लैयार मंदिर के पास ही नहीं, बल्कि थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित दीपाथून नामक पत्थर के खंभे पर भी जलाया जाए। कोर्ट के अनुसार यह खंभा मंदिर की जमीन पर आता है और पास की दरगाह की सुरक्षित संपत्ति में शामिल नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 09, 2025 पर 7:34 PM
कौन हैं जस्टिस स्वामीनाथन? जिनके खिलाफ महाभियोग की तैयारी, इस आदेश पर मचा सियासी घमासान
मद्रास हाई कोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन एक बार फिर चर्चा में हैं।

मद्रास हाई कोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है DMK द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश। मामला उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने एक दरगाह के पास स्थित थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर पारंपरिक कार्तिगई दीपम जलाने की अनुमति दी थी। उनके इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सांसद, जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ संसद के शीतकालीन सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। DMK की तरफ से यह कदम जस्टिस स्वामीनाथन के उस आदेश के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें पिछले दिनों उन्होंने निर्देश दिया था कि मदुरै की थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों की चोटी पर एक दरगाह के पास स्थित मंदिर के दीबाथुन पिलर के ऊपर पारंपरिक कार्तिगई दीपम जलाया जाए।

जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन कौन हैं?

जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच में कार्यरत एक प्रतिष्ठित जज हैं। उनका मूल निवास तमिलनाडु के थिरुवरूर में है। उन्होंने अपनी लॉ की पढ़ाई सेलम के सेंट्रल लॉ कॉलेज और चेन्नई के अंबेडकर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से पूरी की। वर्ष 1991 में उन्होंने वकील के रूप में एनरोलमेंट लिया और करीब दो दशक तक वकालत की। इसी दौरान 2014 में उन्हें मदुरै बेंच में असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल की जिम्मेदारी भी मिली।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें