Get App

Gold price today : US रेट कट ने सोने-चांदी में भरा जोश, जानिए कमोडिटी में आज कहां हो सकती है कमाई

Gold price today : सुबह करीब 10.5 बजे MCX गोल्ड फरवरी कॉन्ट्रैक्ट 667 रुपए यानी 0.51 फीसदी बढ़कर 130,463 रुपए प्रति 10 ग्राम पर दिख रहा था। जबकि MCX सिल्वर मार्च कॉन्ट्रैक्ट 3,334 रुपए यानी 1.9 फीसदी बढ़कर 192,400 रुपए प्रति किलो ग्राम पर दिख रहा था

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 11, 2025 पर 10:32 AM
Gold price today : US रेट कट ने सोने-चांदी में भरा जोश, जानिए कमोडिटी में आज कहां हो सकती है कमाई
Gold Price today : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में तेज़ी देखने को मिली है। फरवरी अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 1 फीसदी से ज़्यादा बढ़कर 4,271.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है

Gold and Silver Prices Today: गुरुवार, 11 दिसंबर को सुबह के कारोबार में MCX पर सोने की कीमतें 0.50 फीसदी से ज़्यादा चढ़ गईं, जबकि चांदी अपने नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। US फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरें 25 बेसिस पॉइंट कम कर दीं हैं और अगले साल एक और रेट कट का संकेत दिया है। इससे सोने-चांदी को सपोर्ट मिला है। सुबह करीब 10.5 बजे MCX गोल्ड फरवरी कॉन्ट्रैक्ट 667 रुपए यानी 0.51 फीसदी बढ़कर 130,463 रुपए प्रति 10 ग्राम पर दिख रहा था। जबकि MCX सिल्वर मार्च कॉन्ट्रैक्ट 3,334 रुपए यानी 1.9 फीसदी बढ़कर 192,400 रुपए प्रति किलो ग्राम पर दिख रहा था।

इस साल सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह रेट कट की उम्मीदें, सेंट्रल बैंक की मज़बूत खरीदारी, जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताएं और ETF में भारी निवेश रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में तेज़ी देखने को मिली है। फरवरी अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 1 फीसदी से ज़्यादा बढ़कर 4,271.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। जबकि अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरें घटाने के बाद चांदी भी नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई।

अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने 10 दिसंबर को लगातार तीसरी बार बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती की है। इससे फेडरल फंड्स रेट 2022 के बाद से सबसे निचले स्तर 3.50%–3.75% की रेंज में आ गया है। कुल मिलाकर, फेड ने इस साल फेडरल फंड्स रेट में 0.75 प्रतिशत अंकों की कमी की है। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस बारे में कोई गाइडेंस देने से इनकार कर दिया कि क्या निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती होगी। हालांकि, निवेशकों को उनके इस बयान से कुछ उम्मीद मिली कि लेबर मार्केट में काफी जोखिम हैं और सेंट्रल बैंक नहीं चाहता कि उसकी पॉलिसी रोज़गार पैदा करने में रुकावट डाले।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें