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Mumbai Local Train: मुंबई लोकल की भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को दी बड़ी मोहलत

Mumbai Local Train: परिवहन मंत्री ने कहा कि भीड़ को काम करने के लिए लोगों को मेट्रो ट्रेनों और अन्य सार्वजनिक परिवहन विकल्पों जैसे परिवहन के वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और प्रयास किए जा रहे हैं

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jul 17, 2025 पर 3:53 PM
Mumbai Local Train: मुंबई लोकल की भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को दी बड़ी मोहलत
नए फैसले का उद्देश्य पीक आवर की भीड़ को कम करना और जाम से भरी बोगियों में रोजाना यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को कुछ राहत प्रदान करना है

Maharashtra News: मुंबई की लोकल ट्रेनों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने अपने कर्मचारियों को सामान्य समय से आधे घंटे देर से काम पर आने का ऑप्शन दिया है। इस नए फैसले का उद्देश्य पीक आवर की भीड़ को कम करना और जाम से भरी बोगियों में रोजाना यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को कुछ राहत प्रदान करना है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस प्लान से सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिलेगी और मुंबई लोकल में सुबह और शाम को होने वाली भीड़ में भी कमी आएगी।

उन्होंने बताया कि इस आधे घंटे की छूट की भरपाई दिन में बाद में काम के घंटों को बढ़ाकर की जाएगी, ताकि कुल काम का समय अपरिवर्तित रहे। इस प्लान को प्राइवेट नौकरियों में लागू करने के लिए भी उन्होंने एक 'टास्क फोर्स' गठन करने की बात कही। यह कदम रेलवे दुर्घटनाओं और अत्यधिक भीड़भाड़ के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर आया है। यह मुद्दा विधायक अतुल भातखलकर द्वारा विधानसभा में उठाया गया था, जिन्होंने मुंबई के व्यस्त रेल मार्गों पर बढ़ती दुर्घटनाओं पर प्रकाश डाला था।

परिवहन के वैकल्पिक साधनों को दिया जाएगा बढ़ावा

मंत्री ने कहा कि लोगों को मेट्रो ट्रेनों और अन्य सार्वजनिक परिवहन विकल्पों जैसे परिवहन के वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार सभी यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी जल्द ही एक बैठक आयोजित करने की उम्मीद है ताकि उन मामलों की बढ़ती संख्या को संबोधित किया जा सके जहां यात्री खुले दरवाजों वाली भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में चढ़कर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

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