Thackeray brother’s Possible Reunion: महाराष्ट्र की सियासत में राज ठाकरे और उद्धव टाकरे के एक साथ आने की चर्चा इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है। हाल के कुछ बयान ऐसे सामने आए हैं। जिससे यही संकेत मिल रहे हैं कि अब ठाकरे ब्रदर्स एक साथ आना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का क्या विलय होगा, यह सबसे बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है। इस बीच दोनों के मिलन पर राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान सामने आया है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अगर दोनों एक साथ आते हैं तो हमें खुशी होगी। कोई अगर अपने मतभेद भूलकर एक साथ आना चाहता है तो इसमें बुरा मानने वाली बात नहीं है। फडणवीस ने आगे कहा कि अगर बिछड़े हुए लोग साथ में आते हैं और किसी का विवाद खत्म होता है तो यह अच्छी बात है। इसके बारे में और हम क्या कह सकते हैं...
दरअसल, फिल्म अभिनेता और डायरेक्टर महेश मांजरेकर ने एक पोडकास्ट में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे का इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू में महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे से कई तीखे सवाल पूछे। इस दौरान सवाल पूछने के क्रम में महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को एक साथ राजनीतिक रूप में आने पर सवाल पूछा। इसे लेकर राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र और मराठी के मुद्दे पर वे साथ आने के लिए तैयार हैं। लेकिन यही इच्छा उनकी (उद्धव ठाकरे की शिवसेना) की भी होनी चाहिए। बता दें कि अभिनेता महेश मांजरेकर ने इस इंटरव्यू में राज ठाकरे से कई सवाल दागे थे। जिसमें मराठी पहचान, आगामी मुंबई महानगर पालिका चुनाव, एकनाथ शिंदे की राजनीति और उद्धव ठाकरे के साथ संभावित गठबंधन सहित कई विषयों पर बातचीत की गई थी।
20 साल बाद हाथ मिला सकते हैं ठाकरे ब्रदर्स
मनसे नेता राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित राजनीतिक सुलह की अटकलों को उस समय बल मिला, जब दोनों के बयानों से संकेत मिला कि वे ‘मामूली मुद्दों’ को नजरअंदाज कर सकते हैं। ऐसे में लगभग दो दशक बाद यानी 20 साल के अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं। राज ठाकरे नेसाल 2006 में शिवसेना से अलग होकर नई पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के मिलन में कई पेंच फंसे हैं
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का मिलन कोई आसान नहीं है। इसमें कई पेंच फंसे हुए हैं। सियासत से जुड़े जानकारों का कहना है कि राज ठाकरे कभी भी कांग्रेस एनसीपी के साथ नहीं जाएंगे। इधर उद्धव ठाकरे भी कभी भी एनसीपी कांग्रेस को नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का गठबंधन होना बेहद मुश्किल है।