ममता बनर्जी ने SIR रोकने के लिए चुनाव आयोग को लिखा पत्र, BJP बोली- 'सीएम को सता रहा हार का डर'

SIR in West Bengal: सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जारी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। लेकिन अब स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को यह पत्र लिखना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया लोगों पर बिना किसी योजना के थोपी जा रही है

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 6:18 PM
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SIR in West Bengal: ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले एसआईआर कराने की इतनी जल्दी मुझे समझ नहीं आ रही

SIR in West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (20 नवंबर)को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है। TMC प्रमुख ने कहा कि यह नागरिकों और अधिकारियों दोनों को जोखिम में डाल रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान प्रक्रिया चिंताजनक और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।

ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जारी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। लेकिन अब स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को यह पत्र लिखना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया लोगों पर बिना किसी बुनियादी तैयारी या पर्याप्त योजना के थोपी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, "यह प्रक्रिया जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने पहले दिन से ही पूरे अभियान को पंगु बना दिया है।"


ममता ने ट्रेनिंग में गंभीर खामियों, अनिवार्य दस्तावेजों को लेकर अस्पष्टता और आजीविका के समय मतदाताओं से बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLO) के मिलने की लगभग असंभव स्थिति की ओर इशारा किया। बनर्जी ने कहा कि एसआईआर की पूरी कवायद संरचनात्मक रूप से कमजोर हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईआर में कुप्रबंधन की मानवीय कीमत अब असहनीय हो गई है। उन्होंने जलपाईगुड़ी में बूथ-स्तरीय अधिकारी के रूप में तैनात एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मौत का हवाला दिया। उन्होंने आत्महत्या की। बताया जा रहा है कि वह एसआईआर से जुड़ी बेहद दबावपूर्ण परिस्थितियों के कारण मानसिक रूप से टूट गई थीं।

उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से कई अन्य लोगों ने भी अपनी जान गंवाई है।" बनर्जी ने कहा, "ऐसे हालात में, मैं तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की कड़ी अपील करती हूं और इसकी अपेक्षा भी रखती हूं।"

बीजेपी का पलटवार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव आयोग को लिखे ममता बनर्जी के लेटर पर पलटवार करते हुए कहा कि यह इस बात का संकेत है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) वोटरों का सपोर्ट खोने को लेकर परेशान है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर एक पोस्ट में बंगाल CM की आलोचना करते हुए कहा कि उनका लेटर इस बात को मानने से कम नहीं है कि TMC की टॉप लीडरशिप घबरा गई है।

भंडारी ने लिखा, "सालों तक TMC ने चुपके से गैर-कानूनी घुसपैठ और फर्जी वोटरों से फायदा उठाया। अब जब SIR के ज़रिए वोटर लिस्ट को साफ किया जा रहा है और अवैध एंट्री हटाई जा रही हैं, तो ममता घबरा रही हैं। घबराई हुई, हताश TMC उसी इकोसिस्टम को बचाने की कोशिश कर रही है जिसने उसे सत्ता में बनाए रखा है।"

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वहीं, BJP के सीनियर नेता और IT सेल के हेड अमित मालवीय ने भी EC से बनर्जी की अपील का जवाब दिया। उन्होंने उनके इस कदम की कड़ी आलोचना की। मालवीय ने कहा कि बनर्जी SIR प्रोसेस की शिकायत और ड्रामा करती रहेंगी, क्योंकि उन्हें पता है कि दबाव बढ़ रहा है। उन्हें 2026 में भारी चुनावी हार का खतरा है।

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