Murder Case: नोएडा और गाजियाबाद में अपनी प्रेमिका के शरीर के टुकड़े फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 34 वर्षीय बस ड्राइवर मोनू सिंह उर्फ मोनू सोलंकी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आरोपी ने दावा किया है कि उसने अपनी अवैध संबंध वाली प्रेमिका प्रीति यादव की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह उसे ब्लैकमेल कर रही थी और उससे लगातार पैसे ऐंठ रही थी। मोनू सिंह शादीशुदा है और उसकी दो बेटियां हैं।
'पैसों के लिए ब्लैकमेल और परिवार को देती थी धमकी'
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) यमुना प्रसाद ने बताया कि पूछताछ के दौरान, आरोपी मोनू सिंह ने खुलासा किया कि प्रीति यादव उससे पैसे ऐंठना शुरू कर दिया था। सिंह ने यह भी दावा किया कि यादव अक्सर उसे झूठे मामले में फंसाने या उसकी बेटियों को अवैध गतिविधियों में शामिल करने की धमकी देती थी, जिससे वह परेशान हो गया था। दोनों नोएडा के बड़ौला इलाके में रहते थे और अवैध संबंध में थे।
चलती बस में कत्ल कर अलग-अलग जगह फेंक दिए थे शरीर के अंग
डी.सी.पी. प्रसाद ने बताया कि आरोपी ने 5 नवंबर को प्रीति यादव की हत्या को अंजाम दिया। सिंह ने कबूल किया कि वह प्रीति को लेने गया और इस दौरान चुपके से उसके घर से एक धारदार हथियार उठा लिया। पुलिस के अनुसार: दोनों ने बस के अंदर खाना खाया, जिसके बाद उनके बीच जोरदार बहस हुई। बहस बढ़ने पर सिंह ने उस धारदार हथियार से प्रीति पर हमला कर दिया। पहचान छिपाने के लिए, उसने प्रीति का सिर धड़ से अलग कर दिया और उसके दोनों हाथ भी काट दिए।
हत्या के बाद आरोपी ने शव को ठिकाने लगाने के लिए बर्बरता की हद पार कर दी।उसने प्रीति का धड़ नोएडा में सेक्टर-39 पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत एक नाले में फेंक दिया। बाकी बचे शरीर के अंग और हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार को गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार के पास एक सूखे नाले में फेंक दिया।
डी.सी.पी. प्रसाद ने बताया कि 6 नवंबर को नोएडा में नाले में मिले धड़ के शरीर पर सिर्फ पायल ही पहचान का एकमात्र सुराग थे। इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने के लिए नौ पुलिस टीमें बनाई गईं। जांच टीमों ने 5,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले और लगभग 1,100 वाहनों की जांच की। संदिग्ध पाए गए 44 वाहनों को छांटा गया और उनके मालिकों और ड्राइवरों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान पुलिस ने 5 नवंबर को अपराध स्थल के पास सफेद और नीले रंग की एक बस को लाइट बंद करके संदिग्ध रूप से चलते देखा।
बस की नंबर प्लेट (UP16 KT 0037) से मोनू सिंह तक पहुंचा गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसी के बाद से ही सारे राज खुल गए। मोनू सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) और 238 के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है और आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है।