Mumbai News: महाराष्ट्र के ठाणे में घोड़बंदर रोड के एक 81 साल के बुजुर्ग ने एक महिला की जाल में फंसकर 86.9 लाख रुपये गंवा दिए। फ्रॉड महिला ने उन्हें ज्यादा रिटर्न का वादा करके क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने का लालच दिया। बुजुर्ग ने अपनी पुलिस कंप्लेंट में आरोप लगाया कि उसके साथ फ्रॉड जून में शुरू हुआ जब उसे खुद को लीला गुप्ता बताने वाली एक महिला से फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के बाद गुप्ता ने उनकी बातचीत मैसेंजर और बाद में व्हाट्सएप पर शिफ्ट कर दी।
इस दौरान उसने क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट पर बात करना शुरू कर दिया। उसने पीड़ित को यकीन दिलाया कि वह USDT (Tether) में इन्वेस्ट करके अधिक प्रॉफिट कमा सकता है। इसके बाद उसने शख्स को एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लिंक भेजा, जिसमें उसे लॉगिन ID और पासवर्ड बनाने के लिए गाइड किया गया। 20 जून और 21 अगस्त के बीच पीड़ित ने लीली गुप्ता और उसके साथियों द्वारा दिए गए अलग-अलग बैंक अकाउंट में 40,000 रुपये से लेकर 13 लाख रुपये तक की कई किश्तों में रकम ट्रांसफर कर दी।
उसके बयान के मुताबिक, प्लेटफॉर्म ने शुरू में प्रॉफिट मिलाकर 2.76 लाख USDT का बैलेंस दिखाया। लेकिन, जब उसने 75,000 USDT निकालने की कोशिश की, तो उसकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दी गई। फिर उसे अपने टोटल बैलेंस का 30% रिस्क असेसमेंट सिक्योरिटी फीस के तौर पर जमा करने के लिए कहा गया। जब उसने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, तो उसने उससे कहा कि उसके चाचा मदद करेंगे।
उसने दावा किया कि उसने उसकी तरफ से 30 लाख रुपये दिए। जबकि उसने 10 लाख रुपये दिए। बाद में उससे और 8 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया। जब उसने मना कर दिया, तो गुप्ता ने खुद 40 लाख रुपये देने का वादा किया, लेकिन कभी नहीं दिए। धोखा खाने का एहसास होने पर उस आदमी ने नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल, आरोपी का पता लगाने और पैसे वापस पाने के लिए जांच चल रही है।
पुलिस ने लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनचाहे इन्वेस्टमेंट ऑफर से सावधान रहने की सलाह दी। साइबर क्राइम पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हाल के कई मामलों में एक जैसा पैटर्न देखा गया है, जहां पीड़ितों से पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती की जाती है। फिर उन्हें एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर भेज दिया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि धोखेबाज अक्सर भरोसा बनाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर मुनाफा दिखाने वाले नकली ट्रेडिंग डैशबोर्ड का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि कोई भी सही इन्वेस्टमेंट स्कीम कम समय में ज्यादा रिटर्न की गारंटी नहीं देती है।
इससे पहले 15 नवंबर को नवी मुंबई के 29 वर्षीय एक व्यवसायी को क्रिप्टोकरेंसी बेचने का झांसा देकर चार व्यक्तियों ने कथित तौर पर 3.5 लाख रुपये की ठगी कर ली। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तुर्भे एमआईडीसी में हुई, जहां चार आरोपियों में से दो आरोपियों विशाल और कबीर ने शिकायतकर्ता को क्रिप्टो टोकन लेने के लिए बुलाया था।
उन्होंने बताया, "जब शिकायतकर्ता मौके पर पहुंचा तो पुलिस की वर्दी पहने दो अज्ञात व्यक्ति एक कार में आए। उन लोगों ने शिकायतकर्ता के पास मौजूद पैकेट (जिसमें 3.5 लाख रुपये थे) की जबरन जांच की और उसे छीन लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद चारों आरोपी तुरंत मौके से फरार हो गए।"