Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मंत्री और वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता फिरहाद हकीम ने मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद घर छोड़कर जा रहे लोगों के बारे में अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा कि वे बंगाल के भीतर ही पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सब कुछ ठीक है। हालांकि मंत्री ने कहा कि यह निंदनीय है। पुलिस पता लगाएगी कि इसके पीछे कौन था। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा से प्रभावित इलाकों से अपना घर छोड़कर जा रहे हैं, वे बंगाल छोड़कर नहीं रहे। पश्चिम बंगाल बीजेपी ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान शहर में हिंसा के बाद 400 से अधिक हिंदुओं को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एक वायरल वीडियो में हकीम विस्थापन के बारे में मीडिया के सवाल पर कह रहे हैं, "सब ठीक है, ऐसी कोई बात नहीं है। यहां ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है। बंगाल से बंगाल में ही जा रहे हैं। बंगाल सुरक्षित है, इसलिए बंगाल में जा रहे हैं।" संसद से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित होने के बाद मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए, जो बाद में हिंसक हो गए। इसके बाद बड़ी संख्या में हिंदू वहां से पलायन कर रहे हैं।
हिंदुओं ने मालदा में ली शरण
अधिकारियों ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जो सांप्रदायिक हिंसा में बदल गए। इसके कारण प्रभावित लोगों का पलायन शुरू हो गया। मीडिया में आई तस्वीरों में मुर्शिदाबाद के इन इलाकों में दुकानें, होटल और घर जलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हिंसा के बाद धुलियान से 400 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, "धार्मिक कट्टरपंथियों के डर के कारण मुर्शिदाबाद से 400 से अधिक हिंदू नदी पार भागने और मालदा में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।" अधिकारी ने कहा, "टीएमसी की तुष्टीकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा दिया है। हिंदुओं को शिकार बनाया जा रहा है, हमारे लोग अपनी ही जमीन पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं! कानून-व्यवस्था की इतनी खराब स्थिति पर राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मैं जिले में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से आग्रह करता हूं कि वे इन विस्थापित हिंदुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें और इस 'जिहादी आतंक' से उनके जीवन की रक्षा करें।" देवनापुर-सोवापुर ग्राम पंचायत की प्रधान सुलेखा चौधरी ने बताया कि शुरू में कुछ लोग (हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद से) नावों में आ रहे थे, लेकिन शुक्रवार दोपहर से इस संख्या में वृद्धि हुई है।
BJP ने कश्मीरी पंडितों से की तुलना
पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम के बयान को चिंताजनक बताते हुए बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर हमला बोला है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त मुर्शिदाबाद के विस्थापितों की तुलना कश्मीरी पंडितों से की है, जो अपने ही राज्य और देश में शरणार्थी बन गए थे। मालवीय ने X पर हकीम का एक वीडियो शेयर किया है।
उन्होंने इसके साथ पोस्ट में लिखा, "यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं, बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं। बंगाली हिंदू कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बनकर रह गए हैं, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कश्मीर से भागकर जम्मू और शेष भारत में शरण लेनी पड़ी थी।"
अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह विडंबना है कि फिरहाद हकीम जैसे व्यक्ति, जो सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानबाजी के इतिहास वाले व्यक्ति हैं। अब कोलकाता के मेयर के प्रतिष्ठित पद पर हैं, जिस पर कभी देशबंधु चित्तरंजन दास (1924 में इस पद पर आसीन होने वाले पहले भारतीय), सुभाष चंद्र बोस और अन्य दिग्गज लोग काबिज रहे हैं। उन्होंने इसे कोलकाता के परिष्कृत भद्रलोक संवेदनाओं के क्षरण का प्रतीक बताया।