'कोई भी आ सकता है लेकिन...': क्या मुसलमानों को RSS में शामिल होने की अनुमति है? पढ़ें- संघ प्रमुख मोहन भागवत का जवाब

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (9 नवंबर) को कहा कि आरएसएस मुसलमानों और ईसाइयों सहित सभी समुदायों के लोगों का स्वागत करता है। लेकिन वे खुद को भारत माता के बेटे और व्यापक हिंदू समाज का सदस्य मानें

अपडेटेड Nov 09, 2025 पर 9:57 PM
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Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने कहा कि मुसलमान खुद को भारत माता के पुत्र और व्यापक हिंदू समाज का सदस्य मानें

Muslims Join RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (9 नवंबर) को कहा कि आरएसएस मुसलमानों और ईसाइयों सहित सभी समुदायों के लोगों का स्वागत करता है। लेकिन वे खुद को भारत माता के पुत्र और व्यापक हिंदू समाज का सदस्य मानें। RSS के आउटरीज कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सभी का स्वागत है। जो लोग इस भूमि को अपनी मातृभूमि मानते हैं, वे संघ में शामिल हो सकते हैं।

RSS प्रमुख ने कहा, "किसी भी ब्राह्मण, शैव, मुसलमान या ईसाई को संघ से बाहर नहीं रखा गया है। केवल हिंदुओं को ही अनुमति है...। हिंदू से हमारा तात्पर्य उन सभी से है जो इस भूमि को अपनी मातृभूमि मानते हैं। विभिन्न संप्रदायों के लोग संघ में आ सकते हैं। बस अपनी अलग पहचान को अलग रखें।" उन्होंने यह टिप्पणी उस सवाल का जवाब देते हुए की जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या मुसलमानों को संघ में शामिल होने अनुमति है।

उन्होंने आगे कहा, "आपकी विशिष्टता का स्वागत है। लेकिन जब आप शाखा में आते हैं, तो आप भारत माता के पुत्र, इस हिंदू समाज के सदस्य के रूप में आते हैं।" भागवत ने कहा, "मुस्लिम और ईसाई भी हिंदू समाज की विभिन्न जातियों के लोगों की तरह शाखा में आते हैं। हम न तो उनकी गिनती करते हैं और न ही उनकी पृष्ठभूमि के बारे में पूछते हैं। हम सभी भारत माता के पुत्र हैं। संघ सभी को इसी नजर से देखता है।"


पीटीआई के मुताबिक, RSS के केवल भगवा ध्वज का सम्मान करने और तिरंगे को मान्यता नहीं देने के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि आरएसएस में भगवा को गुरु माना जाता है। लेकिन वह भारतीय तिरंगे का बहुत सम्मान करता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हमने हमेशा अपने तिरंगे का सम्मान किया है और उसकी रक्षा की है।" भागवत की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल में कहा था कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

आईएएनएस के मुताबिक भागवत ने कहा, "पहले चर्च जैसे कुछ समुदायों और समूहों को अलग या अछूता रखा जाता था। अब हमें उनसे संपर्क करने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। यही हमारे आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य है। लेकिन आउटरीच का मतलब यह नहीं है कि हम उन पर कुछ थोपेंगे या कुछ करेंगे।"

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हम पर तीन बार प्रतिबंध लगाया गया। ऐसे में सरकार ने हमें मान्यता दी है। अगर हमारा अस्तित्व नहीं था, तो उन्होंने किस पर प्रतिबंध लगाया?" उन्होंने आगे कहा, "RSS कहता है कि हम किसी के लिए भी कुछ भी करेंगे। प्रत्येक व्यक्ति को अपना कर्तव्य निभाना होगा और अपनी प्रगति स्वयं करनी होगी।"

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उन्होंने कहा, "हम लोगों को ऐसा करने के लिए सक्षम और तैयार करते हैं। भगवान भी उनकी मदद करते हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं। इसलिए संघ से किसी चीज की उम्मीद न करें। लेकिन अगर आप दूसरों से कोई अपेक्षा किए बिना संघ में आते हैं। तो आप अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। यही हम सिखाते हैं।"

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