Nationwide SIR: पूरे देश में शुरू होगा वोटर लिस्ट सुधारने का काम! नवंबर से होगी शुरुआत, 2026 चुनाव वाले राज्य रहेंगे आगे

Election Commission: चुनाव आयोग इस बात पर विचार कर रहा है कि वोटर अपनी पिछली गहन पुनरीक्षण (SIR) वाली वोटर लिस्ट की कॉपी किसी भी राज्य से जमा करवा सकते हैं, जिससे लोगों को बहुत आसानी होगी

अपडेटेड Oct 23, 2025 पर 9:04 AM
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इसे लेकर चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ दो दिन की बैठक की

SIR: चुनाव आयोग (EC) ने देशव्यापी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), यानी वोटर लिस्ट को पूरी तरह से चेक करने और सुधारने के काम की तैयारियों का जायजा लिया है। उम्मीद है कि यह अभियान नवंबर की शुरुआत से चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पहले उन राज्यों में यह काम शुरू होगा जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

बैठक में लिया गया तैयारी का जायजा

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ दो दिन की बैठक की। इस दौरान कमीशन ने SIR को लेकर उनकी तैयारियों का आकलन किया। हालांकि पूरी योजना बैठक के बाद जारी होगी, लेकिन उम्मीद है कि पहले चरण में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को शामिल किया जाएगा, जहां अगले साल चुनाव होने हैं।


असम को लेकर फंसा पेंच

पूरे देश में वोटर लिस्ट को सुधारने के इस काम में असम को लेकर एक बड़ा पेंच फंसा है। असम के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया है कि वे चाहते हैं कि गहन पुनरीक्षण का काम राज्य के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के प्रकाशन के बाद ही शुरू किया जाए। चूंकि असम इकलौता राज्य है जहां NRC का काम हो चुका है, इसलिए चुनाव आयोग को अभी यह तय करना है कि असम को पहले चरण में शामिल करना है या नहीं।

वोटर लिस्ट सुधारने का नया तरीका

इस बार चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या सुधारने के नियम को थोड़ा आसान बना रहा है:

कहीं की भी पुरानी लिस्ट चलेगी: चुनाव आयोग इस बात पर विचार कर रहा है कि वोटर अपनी पिछली गहन पुनरीक्षण (SIR) वाली वोटर लिस्ट की कॉपी किसी भी राज्य से जमा करवा सकते हैं।

बिहार से अलग नियम: पहले जब बिहार में यह काम हुआ था, तो मतदाता सिर्फ बिहार की ही पुरानी लिस्ट का प्रमाण दे सकते थे।

जन्म स्थान की जांच: SIR का मुख्य लक्ष्य जन्म स्थान की जांच करके अवैध विदेशी प्रवासियों खासकर बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों के नाम हटाना है।

आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी वोटर लिस्ट को सुधारने का काम खत्म हुआ, जहां 30 सितंबर को करीब 7.42 करोड़ नामों वाली फाइनल लिस्ट जारी की गई थी।

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