Omar Abdullah: 'मैं J&K के मेहमानों की सुरक्षा करने में विफल रहा, पहलगाम का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा': उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान

Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर विधानसभा ने पहलगाम में पिछले सप्ताह हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और प्रगति में बाधा डालने के नापाक इरादों को हराने के लिए दृढ़ता से लड़ने का संकल्प लिया गया

अपडेटेड Apr 28, 2025 पर 2:34 PM
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Pahalgam Terror Attack: उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मेरे पास मारे गए लोगों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं है

Pahalgam Terror Attack News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (28 अप्रैल) को बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने की कीमत पर राज्य का दर्जा नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे को किसी और दिन उठाएगी। लेकिन आज नहीं, जब पूरा देश शोक में है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए अब्दुल्ला ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया, जहां 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि इससे पूरा देश प्रभावित हुआ है।

सीएम ने कहा, "हमने पहले भी ऐसे कई हमले देखे हैं, लेकिन बैसरन में इतने बड़े पैमाने पर हमला किए जाने को 21 साल हो गए हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता था कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं। मेजबान होने के नाते, पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा कर्तव्य था। मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं।" अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि वह पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, "पहलगाम के बाद, मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? क्या मेरी राजनीति इतनी सस्ती है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे। लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से यह कहूं कि 26 लोग मारे गए हैं, तो अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा।" अपने भावुक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।


उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के तौर पर पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे। अब्दुल्ला ने कहा, "... इस घटना ने पूरे देश को प्रभावित किया। हमने पहले भी ऐसे कई हमले देखे हैं। बैसरन में 21 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है। मुझे नहीं पता था कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगू। मेजबान होने के नाते, पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा कर्तव्य था। मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जब लोग हमारा समर्थन करेंगे, तब उग्रवाद और आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। यह इसकी शुरुआत है। हमें ऐसा कुछ नहीं कहना या दिखाना चाहिए, जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे... हम बंदूकों का इस्तेमाल करके उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन यह तभी समाप्त होगा, जब लोग हमारा समर्थन करेंगे।"

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है... 26 सालों में मैंने पहली बार लोगों को इस तरह घरों से बाहर आते देखा है। कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक शायद ही ऐसा कोई शहर या गांव ऐसा होगा, जहां लोगों ने घरों से बाहर आकर इस हमले की निंदा नहीं की।"

केंद्र सरकार ने वादा किया था कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने और केंद्र शासित प्रदेश को दो भागों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में उनकी धार्मिक पहचान पूछने के बाद एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की हत्या कर दी। बचे हुए लोगों ने खुलासा किया कि जो लोग कलमा (इस्लाम में एक धार्मिक मंत्र) पढ़ने में विफल रहे उन्हें गोली मार दी गई।

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Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Apr 28, 2025 2:26 PM

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