अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद को बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत तो दे दी, लेकिन लगे हाथों यह भी साफ कर दिया कि वो इस शिक्षक के आचरण और टिप्पणी को पूरी तरह गैरवाजिब और भड़काऊ मानती है, जो एक पढ़े-लिखे व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी वजह से न तो जांच प्रक्रिया पर रोक लगाई और न ही एफआईआर रद्द की। इसके उलट सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया, ताकि इस मामले की जांच तेजी से हो सके।