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विवादों से घिरे अली खान महमूदाबाद के दादा थे जिन्ना के खास सिपहसालार, मुस्लिम लीग के खजांची के तौर पर पाकिस्तान के निर्माण में निभाई थी अहम भूमिका!

अली खान महमूदाबाद की ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से फटकार लगाई है, उसके बाद सहज ही यह सवाल पैदा होता है कि आखिर ऐसी विकृत सोच कहां से पैदा होती है। नजर पिछले सौ साल के इतिहास और राजनीति पर डालनी होगी...जिस इतिहास और राजनीति के अहम किरदार रहे हैं उनके पुरखे और जिसे पढ़ाने के नाम पर अपना एजेंडा चलाते हैं अली खान

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड May 22, 2025 पर 11:31 PM
विवादों से घिरे अली खान महमूदाबाद के दादा थे जिन्ना के खास सिपहसालार, मुस्लिम लीग के खजांची के तौर पर पाकिस्तान के निर्माण में निभाई थी अहम भूमिका!
ऑपरेशन सिंदूर पर अपने पोस्ट की वजह से विवादों में घिरे अली खान महमूदाबाद, मोहम्मद अली जिन्ना और उनके साथ खड़े हैं महमूदाबाद के दादा मोहम्मद अमीर अहमद खान जिन्होंने मुस्लिम लीग के खजांची के तौर पर पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी (तस्वीर में बाएं से दाएं)

अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद को बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत तो दे दी, लेकिन लगे हाथों यह भी साफ कर दिया कि वो इस शिक्षक के आचरण और टिप्पणी को पूरी तरह गैरवाजिब और भड़काऊ मानती है, जो एक पढ़े-लिखे व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी वजह से न तो जांच प्रक्रिया पर रोक लगाई और न ही एफआईआर रद्द की। इसके उलट सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया, ताकि इस मामले की जांच तेजी से हो सके।

कैसे फंसे विवादों में

हरियाणा पुलिस ने राज्य महिला आयोग की शिकायत पर अली खान को गिरफ्तार किया। देश की सबसे महंगी और अभिजात्य अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद के एक फेसबुक पोस्ट को लेकर विवाद शुरू हुआ, जिस सिलसिले में महिला आयोग ने उन्हें नोटिस देकर अपने सामने पेश होने के लिए कहा, लेकिन अली खान आयोग के सामने आने को तैयार नहीं हुए। उल्टे एक सार्वजनिक बयान जारी करते हुए आयोग के अधिकार क्षेत्र और इरादे पर ही सवाल उठा दिया। इसी से भन्नाये आयोग ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। आयोग के साथ ही एक और नेता ने भी शिकायत दर्ज कराई।

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