Operation Sindoor Debate: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (30 जुलाई) को राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर जैसे ही अपना भाषणा शुरू किया विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिली। केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 'मेरे से निपट लो, PM आए तो और तकलीफ होगी...।'
दरअसल, विपक्ष अमित शाह की जगह प्रधानमंत्री मोदी से जवाब मांग रहा था। लेकिन गृह मंत्री ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया। इसके बाद अमित शाह ने सबसे पहले सदन को 'ऑपरेशन महादेव' के बारे में जानकारी दी। 'ऑपरेशन महादेव' के तहत पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया।
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "विपक्ष की मांग थी कि प्रधानमंत्री सदन में आकर जवाब दें। अगर प्रधानमंत्री संसद परिसर में मौजूद होने के बावजूद सदन में नहीं आते हैं, तो यह सदन का अपमान है।" विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री से जवाब की लगातार मांग किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को बताया किया कि प्रधानमंत्री अपने कार्यालय में मौजूद हैं।
अमित शाह के संबोधन की बड़ी बातें
राज्यसभा में कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जवाब नहीं दिए जाने को सदन का अपमान बताया। साथ ही इसके विरोध में सदन से वॉकआउट किया। संसद के उच्च सदन में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर करीब 16 घंटे तक चली विशेष चर्चा का जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह जब खड़े हुए तो विपक्षी सदस्यों ने इस बात को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने एक सदन में जवाब दिया तो वह उच्च सदन में जवाब देने के लिए क्यों नहीं आए?
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री यहां अपने कार्यालय में ही हैं। उन्होंने कहा, "मेरे से जब निबट रहा है तो काहे को प्रधानमंत्री जी को बुला रहे हो। और तकलीफ होगी।" हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 16 घंटे की चर्चा के बाद सभी सदस्यों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री चर्चा में उठाए गए सवालों का जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में रहकर यहां नहीं आते हैं तो यह सदन का अपमान है। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति में पहले ही यह बता दिया था कि चर्चा में प्रधानमंत्री हस्तक्षेप नहीं करेंगे और गृह मंत्री जवाब देंगे। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाक आउट किया।