Ashtamudi Lake Fire: केरल की अष्टमुडी झील में लगी भीषण आग, 10 से ज्यादा मछली पकड़ने वाली नावें जलकर खाक

Kollam Boats Fire: शुरुआती रिपोर्ट और स्थानीय निवासियों के अनुसार, आग लगने की शुरुआत एक नाव पर कुकिंग गैस सिलेंडर फटने के बाद हुई। अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि आग लगने के तुरंत बाद नावों पर रखे गैस सिलेंडरों में विस्फोट हुआ, जिससे आग की तीव्रता और बढ़ गई

अपडेटेड Dec 07, 2025 पर 10:40 AM
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आग की शुरुआत कैसे हुई, इसका सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है

Kerala Fire News: केरल के कोल्लम स्थित अष्टमुडी झील में रविवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। नावों के लंगर डालने के स्थान पर लगी भीषण आग में दस से अधिक मछली पकड़ने वाली नावें पूरी तरह जल गईं। यह आग कुरिपुझा चर्च के पास अय्यनकोविल मंदिर के नजदीक, सुबह लगभग 2:30 बजे लगी। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

कैसे फैली आग?


आग की शुरुआत कैसे हुई, इसका सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। शुरुआती रिपोर्ट और स्थानीय निवासियों के अनुसार, आग लगने की शुरुआत एक नाव पर कुकिंग गैस सिलेंडर फटने के बाद हुई। अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि आग लगने के तुरंत बाद नावों पर रखे गैस सिलेंडरों में विस्फोट हुआ, जिससे आग की तीव्रता और बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने आग को 1:30 बजे के आसपास देखा था। निवासियों ने बताया कि एक ही कतार में बंधी लगभग 14 नावें आग की चपेट में आ गईं। आग को और फैलने से रोकने के लिए, लोगों ने जलती हुई नावों को खोलकर झील में धकेल दिया। इस हादसे में कुल मिलाकर, नौ नावें और एक फाइबर बोट पूरी तरह नष्ट हो गईं, जबकि कुछ अन्य नावें डूब भी गईं।

बचाव कार्य और जांच का आदेश

इस भीषण आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल की तेजी से कार्रवाई की गई। अग्निशमन और बचाव दल की छह इकाइयां तुरंत मौके पर पहुंचीं और सुबह 7 बजे तक आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। हालांकि, निवासियों ने आरोप लगाया है कि खराब सड़क कनेक्टिविटी के कारण दमकल की गाड़ियों के पहुंचने में देरी हुई। यह भी सामने आया कि हाल के दिनों में यह इस क्षेत्र में तीसरी ऐसी आग दुर्घटना है।कोल्लम के जिला कलेक्टर एन. देवदास ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

कई मछुआरों की आजीविका प्रभावित, मुआवजे की मांग

नष्ट हुई नावें मुख्य रूप से स्थानीय मछुआरों की थीं। एक स्थानीय निवासी लॉरेंस की नाव सहित अधिकांश नावें तिरुवनंतपुरम के पोझियूर के मछुआरों की थीं, जिन्होंने चुनाव से पहले मछली पकड़ने के काम से छुट्टी लेते हुए अपनी नावें यहां बांध रखी थीं।इस दुर्घटना ने कई परिवारों की आजीविका पर गंभीर असर डाला है। मछुआरों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

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