Pakistan News: जानिए पाकिस्तान पर भारत के एक्शन और रिएक्शन की 10 सबसे बड़ी बातें

Pakistan news: सरकार की एजेंसियां और थिंक टैंक पाकिस्तान पर इंडिया के एक्शन-रिएक्शन का विश्लेषण करेंगे। इसके हर पहलू का आकलन होगा। लेकिन, इस पूरे मामले से ऐसी 10 बातें निकलकर सामने आई हैं, जिनको लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है

अपडेटेड May 12, 2025 पर 10:45 AM
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यह साफ हो गया कि स्ट्रॉन्ग इकोनॉमी किसी देश की सबसे बड़ी हथियार की तरह है।

आपरेशन सिंदूर और उसके बाद के चार दिनों में जो हुआ उसकी चर्चा लंबे समय तक जारी रहेगी। सरकार की एजेंसियां हर पहलू से इंडिया के एक्शन और रिएक्शन का विश्लेषण करेंगी। इनमें सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलू शामिल होंगे। सरकार विश्लेषण के नतीजों से अपनी आगे की पॉलिसी में बदलाव करेगी। हर लड़ाई में एक पक्ष को ज्यादा तो दूसरे को कम नुकसान होता है। यह टकराव भी इससे अलग नहीं है। लेकिन, इस कनफ्लिक्ट ने हमें 10 बड़ी बातें सिखाई हैं।

1. पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता

10 मई की शाम भारत की तरफ से सीजफायर (ceasefire) के आधिकारिक ऐलान के बाद जिस तरह से पाकिस्तान ने भारत पर हमलें शुरू कर दिए, उससे यह पक्का हो गया है कि पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। अब यह बात हर भारतीय समझ चुका है।

2. भारत की सैन्य ताकत का पाकिस्तान से मुकाबला नहीं


भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद जिस तरह के जवाबी हमलें किए, उससे साफ हो गया है कि इंडिया के रक्षा बलों की क्षमता की तुलना पाकिस्तान की सेना से नहीं की जा सकती। भारत ने प्लान के मुताबिक, शुरुआत में पाक के सिर्फ आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। उकसाने के बावजूद उसने सिर्फ पाक के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। उसने पाकिस्तान के आम नागरिकों पर हमला नहीं किया।

3. दुनिया ने माना पाकिस्तान आतंक को समर्थन करने वाला देश

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की वजह पहलगाम में आतंकी हमलों को बताया। उसने दुनिया के देशों से कहा कि उसका मकसद सिर्फ पाकिस्तान में चल रहे आतंक के नेटवर्क को खत्म करना है। इससे आतंकी देश के रूप में पाक की दुनिया में पहचान बनाने में भारत सफल रहा।

4. पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है

यह तय हो गया है कि पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। भारत की जवाबी कार्रवाई में आतंकियों की मौत और सुपर्द-ए-खाक में जिस तरह से पाकिस्तान की सेना और सरकार के सीनियर अफसर शामिल हुए, उससे साफ हो गया कि पाकिस्तान की सोच बदलने नहीं जा रही है।

5. भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों की क्षमता

भारत की खुफिया एजेंसियों ने जिस तरह से पाकिस्तान में आतंक के नेटवर्क और आतंकियों के बड़े अड्डों के बारे में सटीक जानकारियां जुटाईं, उससे भारतीय रक्षा बलों का काम आसान हो गया। भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाक के आतंकी नेटवर्क की कमर टूट गई।

6. पाक के आर्मी चीफ जनरल आसिफ मुनीर को फायदा

भारत ने पाकिस्तान के चार एयर बेस को बड़ा नुकसान पहुंचाकर पाक की सामरिक क्षमता को कमजोर कर दिया। लेकिन, पाक आर्मी चीफ जनरल आसिफ मुनीर को इस पूरे मामले से राजनीतिक फायदा हुआ है। भारत के साथ टकराव में पाकिस्तान के अलग-अलग समूह एकजुट हो गए हैं। मुनीर इस स्थिति का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है।

7. भारत की फॉरेन पॉलिसी में बदलाव का सही समय

ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के 3-4 दिनों में भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मसले पर मध्यस्तता की पेशकशन की, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि कश्मीर कोई मसला नहीं है। जम्मू-कश्मीर में 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म कर देने के बाद अब कश्मीर के मसले पर किसी तीसरे देश की नसीहत भारत सुनने वाला नहीं है। भारत की फॉरेन पॉलिसी में यह बात अब नजर आएगी।

8. वैश्विक मंच पर भारत की धाक

पाकिस्तान को सबक सिखाकर भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह जो कहता है वहीं करता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने हमेशा आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा बताया है। आतंकवादियों को सबक सिखाने की कोशिश में भारत को पाकिस्तान पर जिस तरह से जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा, उससे दुनिया में भारत की धाक बढ़ी है। भारत की नेतृत्व क्षमता पर अब दुनिया पहसे से ज्यादा भरोसा करेगी।

9. पाकिस्तान अलग-थलग पड़ा

इस बार एक-दो देशों को छोड़ कोई मुस्लिम देश पाकिस्तान की मदद के लिए आगे नहीं आया। ज्यादातर देशों ने न्यूट्रल रुख अपनाए रखा। यह विश्व स्तर पर बदल रही राजनीति का संकेत है। इसका मतलब है कि अगर भारत सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान पर कार्रवाई करता है तो वह उसका अपना मामला माना जाएगा।

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10. स्ट्रॉन्ग इकोनॉमी सबसे बड़ा हथियार

इस बार यह साफ हो गया कि स्ट्रॉन्ग इकोनॉमी किसी देश की सबसे बड़ी हथियार की तरह है। इंडिया ने अपनी सामरिक क्षमता का हल्का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान इतना घबरा गया। अगर इंडिया अपनी पूरी सामरिक क्षमता का इस्तेमाल करेगा तो फिर क्या होगा? इसका आधार इंडिया की मजबूत इकोनॉमी है। इंडिया की औसत जीडीपी ग्रोथ 6-7 फीसदी रही है, जबकि पाकिस्तान की इकोनॉमी बड़े संकट में घिरी रही है।

सैबल दासगुप्ता

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: May 12, 2025 10:03 AM

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