पीयूष गोयल ने जीएसटी घटने के फायदों के बारे में बताया, कहा-इससे नौकरियां बढ़ेंगी और इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी

पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स से इंडिया में इनवेस्टमेंट की रफ्तार तेज बनी रहेगी। जब डिमांड होगी तो इंडस्ट्री की दिलचस्पी निवेश बढ़ाने में होगी। डिमांड बढ़ने का मतलब है कि नौकरियों के मौके बढ़ेंगे। ज्यादा निवेश से मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी

अपडेटेड Sep 04, 2025 पर 8:03 PM
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पीयूष गोयल ने कहा कि FY26 में इंडिया का कुल एक्सपोर्ट FY25 के मुकाबले ज्यादा रहेगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर में इंडिया का एक्सपोर्ट 824.9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।

कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने 4 सितंबर को जीएसटी में कमी का फायदों के बारे में बताया। नेटवर्क 18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जीएसटी में कमी से इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी। निवेश बढ़ेगा और नौकरियों के नए मौके पैदा होंगे। जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू होने जा रहे हैं। 3 सितंबर को जीएसी काउंसिल ने चार की जगह जीएसटी के सिर्फ स्लैब के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे कई चीजों पर टैक्स काफी घट जाएगा।

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी

Piyush Goyal ने कहा, "जीएसटी (रिफॉर्म्स) से इंडिया में इनवेस्टमेंट की रफ्तार तेज बनी रहेगी। जब डिमांड होगी तो इंडस्ट्री की दिलचस्पी निवेश बढ़ाने में होगी। डिमांड बढ़ने का मतलब है कि नौकरियों के मौके बढ़ेंगे। ज्यादा निवेश से मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।" उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त में सर्विसेज का पीएमआई 15 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।


अगस्त में सर्विसेज पीएमआई 15 साल से सबसे ज्यादा

अगस्त में इंडिया के सर्विस सेक्टर में 2010 के बाद सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 62.9 पर पहुंच गया। यह जुलाई में 60.5 था। यह लगातार तीसरा महीना है जब यह इंडेक्स 60 से ऊपर रहा है। इससे दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी में मजबूत डिमांड का पता चलता है।

FY26 में नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है एक्सपोर्ट

पीयूष गोयल ने कहा कि FY26 में इंडिया का कुल एक्सपोर्ट FY25 के मुकाबले ज्यादा रहेगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर में इंडिया का एक्सपोर्ट 824.9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। यह एक साल पहले के मुकाबले 6 फीसदी ज्यादा था। हालांकि, इस फाइनेंशियल ईयर में अमेरिका के टैरिफ बढ़ा देने से एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है। हालांकि, भारत और अमेरिका में टैरिफ को लेकर समझौता हो सकता है। अमेरिकी टैरिफ के इंडिया पर असर के बारे में गोयल ने कहा कि यह बहुत ज्यादा नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि इंडिया मुख्य रूप से घरेलू मांग पर आधारित इकोनॉमी है।

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जीएसटी का औसत रेट 10 फीसदी से नीचे आया

जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को जीएसटी के फ्रेमवर्क में बड़े बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे टैक्स का औसत रेट 11.5 फीसदी से घटकर 10 फीसदी से नीचे आ गया है। कॉमर्स मिनिस्टर ने कहा कि जीएसटी घटने से कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा। इससे रेवेन्यू में कमी की जगह वृद्धि देखने को मिलेगी। अनुमान है कि जीएसटी में कमी से चीजों की कीमतें घटेंगी, जिससे कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा। यह इकोनॉमी की ग्रोथ के लिहाज से भी अच्छा है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 04, 2025 7:55 PM

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