प्रधानमंत्री मोदी इस महीने के आखिरी में हो रही यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (UNGA) के 80वें सत्र में हाई-लेवल जनरल डीबेट को संबोधित नहीं करेंगे। यह खुलासा शुक्रवार को स्पीकर्स की रिवाइज्ड प्रोविजनल लिस्ट से हुआ है। यूएनजीए का 80वां सत्रऔपचारिक रूप से 9 सितंबर को शुरू होगा और सालाना आम बहस (General Debate) 23 से 29 सितंबर तक आयोजित की जाएगी। परंपरा के मुताबिक इस बार सबसे पहले बहस को ब्राजील संबोधित करेगा और उसके बाद अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एसेंबली को 23 सितंबर को संबोधित करेंगे। यह उनके दूसरे कार्यकाल की यूएनजीसी में पहली स्पीच होगी।
यूएनजीए में भारत की तरफ से जयशंकर देंगे स्पीच
भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर 27 सितंबर को भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और भाषण देंगे। इससे पहले जुलाई में जो सूची जारी हुई थी, उसमें पीएम मोदी का संबोधन 26 सितंबर को निर्धारित किया गया था। उस दिन इजराइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नेताओं के भाषण हो सकते हैं। यह बदलाव ऐसे समय आया है, जब पीएम मोदी ने फरवरी में अमेरिकी दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से द्विपक्षीय बैठक की थी। हालांकि उसके बाद ट्रंप सरकार ने भारत पर 25% के टैरिफ के साथ-साथ रूस से तेल की खरीदारी के चलते 25% का अतिरिक्त शुल्क यानी कुल मिलाकर 50% का टैरिफ लगा दिया। यूनाइटेड नेशंस के अधिकारियों के मुताबिक जनरल डीबेट का टाइम-टेबल अस्थायी है और आखिरी तक इसमें और भी बदलाव हो सकते हैं।
इस साल बहस की क्या है थीम?
यूएनजीसी हाई लेवल सप्ताह हर साल सितंबर में होता है और इसे साल का सबसे व्यस्त डिप्लोमेटिक सीजन माना जाता है। इस साल यह ऐसे समय में हो रहा है, जब इजराइल-हमास युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे गंभीर वैश्विक संकट जारी हैं। इस साल की थीम यानी मुख्य विषय है- बेहतर साथ: 80 साल, और आगे शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए (बेटर टुगेदर: 80 ईयर्स एंड मोर फॉर पीस, डेवलपमेंट एंड ह्यूमन राइट्स)। इस सीजन की शुरुआत 22 सितंबर को यूएन की 80वीं बैठक के मौके पर आयोजित कॉमेरेटिव मीटिंग के साथ होगी। इस बार आम बहस के साथ कई थीम इवेंट होंगे। 24 सितंबर को यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस एक जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें सभी देश अपने जलवायु को लेकर अपने नए नेशनल एक्शन प्लान का खुलासा करेंगे और क्लीन एनर्जी की तरफ अपने कदम को आगे बढ़ाएंगे।
यूएनजीए इस बार चौथे विश्व महिला सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर एक उच्च-स्तरीय बैठक भी आयोजित करेगी। इसका विषय होगा- लैंगिक समानता और महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए बीजिंग डिक्लेरेशन एंड प्लेटफॉर्म को लेकर फिर से संसाधन उपलब्ध कराना और स्पीड बढ़ाना। इस बैठक में वर्ष 1995 के बाद से कितना काम हुआ, इसका आकलन किया जाएगा। इसके अलावा लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने में उपलब्धियों, कमियों और चुनौतियों की पहचान की जाएगी। इन सबके अलावा यूएनजीसी सप्ताह में कई और मुद्दों पर हाई लेवल की बैठकें होनी हैं जैसे कि बेहतर और टिकाऊ वैश्विक अर्थव्यवस्था, एआई गवर्नेंस, मानसिक स्वास्थ्य, परमाणु हथियारों के पूरी तरह खात्मे और म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति।