नोएडा के रहने वाले अश्विनी कुमार को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने गणेश चतुर्थी के दौरान मुंबई में सीरियल ब्लास्ट की धमकी दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, अश्विनी असल में अपने पुराने दोस्त से बदला लेना चाहता था, जिसने उसे पहले जेल भिजवाया था। इसी वजह से उसने मुंबई को उड़ाने की धमकी देने की योजना बनाई। कुमार मूल रूप से पटना का रहने वाला है। करीब पांच साल पहले वह नोएडा आ गया और यहां आकर ज्योतिष का काम शुरू किया।
मुंबई पुलिस को धमकी भरा मैसेज क्यों भेजा?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में कुमार के दोस्त फिरोज अहमद ने उसके खिलाफ बिहार के फुलवारी शरीफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इसी केस में कुमार को चार महीने जेल में रहना पड़ा।
जेल जाने की वजह से उसके मन में अहमद के प्रति गहरी दुश्मनी बैठ गई और वह बदला लेने का मौका तलाशने लगा। इसी वजह से उसने मुंबई धमाकों की धमकी देने की योजना बनाई।
अपनी योजना के तहत, कुमार ने गुरुवार को मुंबई के ट्रैफिक कंट्रोल रूम में धमकी भरा मैसेज भेजा। इस WhatsApp मैसेज में उसने अपने दोस्त का नाम भी डाल दिया।
मैसेज में कुमार ने लिखा कि मुंबई में 34 जिंदा बम लगाए गए हैं और 14 पाकिस्तानी आतंकी घुस चुके हैं। इतना ही नहीं, उसने एक काल्पनिक नाम ‘लश्कर-ए-जिहादी’ भी इस्तेमाल किया, ताकि यह लगे कि किसी आतंकी संगठन का हाथ है।
कुमार ने धमकी वाला मैसेज उस नंबर से भेजा, जिसे उसने हाल ही में खरीदा था। उसने WhatsApp पर अपने दोस्त अहमद की डिस्प्ले पिक्चर (DP) भी लगा दी, ताकि शक उसी पर जाए।
क्योंकि उस समय गणेश चतुर्थी के उत्सव चल रहे थे, तो पुलिस ने तुरंत हाई अलर्ट घोषित कर दिया और एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) के साथ-साथ क्राइम ब्रांच को भी तैनात कर दिया।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने धमकी वाले मैसेज की लोकेशन ट्रेस की तो वह नोएडा तक पहुंची। इसके बाद मुंबई पुलिस ने नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से संपर्क किया।
शुक्रवार रात मुंबई की एक स्पेशल टीम और नोएडा पुलिस ने मिलकर सेक्टर-79 में सिविटेक स्टेडिया सोसायटी में कुमार के घर पर छापा मारा। यहां से पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड, एक एक्सटर्नल सिम स्लॉट डिवाइस, 6 मेमोरी कार्ड और 4 सिम होल्डर बरामद किए। ये सभी वह अपनी पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल करता था।
पुलिस ने कहा कि कुमार का किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट में बताया, “वह सिर्फ चाहता था कि उसका दोस्त जेल चला जाए।”